गहनों का वैज्ञानिक महत्व....

હર મહાદેવ
गहनों का वैज्ञानिक महत्व....



औरतों का शरीर और मन पुरुषों की अपेक्षा कोमल, संवेदनशील माना गया है. औरतों के शरीर में हारमोंस के उतार चढाव का शरीर और मन, विचारों पर काफी प्रभाव होता है. घर परिवार की जिम्मेदारियों की बात की जाय तो औरतें तन-मन से समर्पित रहती है...ऐसे में प्राचीन ऋषियों ने कुछ ऐसे उपकरण बनाये जिससे औरतों के मन और स्वास्थ्य की रक्षा हो सके. प्रचलन में बढ़ने पर इनको सुन्दर गहनों का रूप मिलने लगा और यह नियमपूर्वक पहने जाने लगे... सोने के गहने गर्मी और चांदी के गहने ठंडी का असर शरीर में पैदा करते हैं. कमर के ऊपर के अंगों में सोने के गहने और कमर से नीचे के अंग में चांदी के आभूषण पहनने चाहिए. यह नियम शरीर में गर्मी और शीतलता का संतुलन बनाये रखता है..

1. चूड़ी पहनने के फायदे 

चूड़ी कलाई की त्वचा से घर्षण करके हाथों में रक्त संचार बढाती है. यह घर्षण ऊर्जा भी पैदा करता है जोकि थकान को जल्दी हावी नहीं होने देता..कलाई में गहने पहनने से श्वास रोग, ह्रदय रोग की सम्भावना घटती है. चूड़ी मानसिक संतुलन बनाने में सहायक है चटकी हुई या दरार पड़ी हुई चूड़ियाँ नहीं पहननी चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा बढती है.. लाल रंग और हरे रंग की चूड़ियाँ सबसे अच्छे असर वाली मानी जाती हैं.

2. बिछिया पहनने के फायदे 

विवाहित महिलाएं पैरो में बीच की 3 उँगलियों में बिछिया पहनती है. यह गहना सिर्फ साज-श्रृंगार की वस्तु नही है.. दोनों पैरों में बिछिया पहनने से महिलाओं का हार्मोनल सिस्टम सही रूप से कार्य करता है, बिछिया पहनने से थाइराइड की संभावना कम हो जाती है... बिछिया एक्यूप्रेशर उपचार पद्दति पर कार्य करती है जिससे शरीर के निचले अंगों के तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियां सबल रहती हैं... बिछिया एक खास नस पर प्रेशर बनाती है जोकि गर्भाशय में समुचित रक्तसंचार प्रवहित करती है. इस प्रकार बिछिया औरतों की गर्भधारण क्षमता को स्वस्थ रखती है... मछली की आकार की बिछिया सबसे असरदार मानी जाती है. मछली का आकार मतलब बीच में गोलाकार और आगे पीछे कुछ नोकदार सी.

3. पायल पहनने के फायदे 

पायल पैरों से निकलने वाली शारीरिक विद्युत ऊर्जा को शरीर में संरक्षित रखती है...पायल महिलाओं के पेट और निचले अंगों में वसा (फैट) बढ़ने की गति को रोकती है... वास्तु के अनुसार पायल की छनक निगेटिव ऊर्जा को दूर करती है...चांदी की पायल पैरो से घर्षण करके पैरों की हड्डियाँ मजबूत बनाती हैं.. पैर में पायल पहनने से महिला की इच्छा-शक्ति मजबूत होती है.जिससे औरतें अपने स्वास्थ्य की चिंता किये बिना पूरी लगन से परिवार के भरण-पोषण में जुटी रहती हैं.. पैरों में हमेशा चांदी की पायल पहने. सोने की पायल शारीरिक गर्मी का संतुलन खराब करके रोग उत्पन्न कर सकती हैं

4. अंगूठी पहनने के फायदे 

अँगूठी ऊर्जा के विकास, मानसिक तनाव दूर करने, जननेन्द्रिय पर नियंत्रण पाने, कामवासना पर नियंत्रण रखने और पाचनतंत्र को मजबूत बनाने हेतु मिलावटरहित सोने की अँगूठी पहनी जाती है । विभिन्न धातुओं की अँगूठी का शरीर पर अलग- अलग प्रभाव पड़ता है, ऐसे ही अलग-अलग रत्नों (नगों) का भी अपना अलग-अलग प्रभाव होता है

5. कर्ण-कुंडल पहनने के फायदे 

कर्ण-कुंडल भारतीय संस्कृति कर्ण-छेदन का भी एक विशेष महत्त्व है । चिकित्सकों और भारतीय दर्शनशास्त्रियों का मानना है कि कर्णछेदन से बुद्धिशक्ति, विचारशक्ति और निर्णयशक्ति का विकास होता है । वाणी के व्यय से जीवनशक्ति का ह्रास होता है । कर्णछेदन से वाणी के संयम में सहायता मिलती है इससे उच्छृंखलता नियंत्रित होती है और कर्णनलिका दोषरहित बनती है । यह विचार पाश्चात्य जगत के लोगों को भी जँचा और वहाँ आज फैशन के रूप में कर्णछेदन कराकर कुंडल पहने जाते हैं ।

6. करधनी पहनने के फायदे 

करधनी यह मूलाधार केन्द्र को जागृत करके किडनी और मूत्राशय की कार्यक्षमता को बढ़ाती है तथा कमर आदि के दर्दों में राहत देती है..

Comments

Popular posts from this blog

Bhavnagar social work hindu worker

पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा

Sadhvi Saraswati’s Emergency Warning: A Sudden ‘Predestined Attack’ Could Strike the Hindu Community news update