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Showing posts from September, 2023

શ્રાદ્ધ વિધિ

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यह *व्हाट्सएप ज्ञान* नहीं है। पुराणों व धर्मग्रन्थों में उल्लेखित जानकारी है। *आज रविवार, आश्विन कृष्ण द्वितीया/तृतीया तिथि है।*  *आज अश्विनी नक्षत्र, "नल" नाम संवत् 2080 है।* 👆 ( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है) 👉 *आज तृतीया तिथि का श्राद्ध।*  👉 श्रद्धा से श्राद्ध करने से पितरों को *एक वर्ष* तक तृप्ति बनी रहती है। 👉 गयाजी में श्राद्ध करने से पितर *सदा* के लिए तृप्त हो जाते हैं। 👉 हर महीने की अमावस्या के दिन वंशजों द्वारा श्राद्ध और पिण्ड करने से पितरों को *एक मास* तक तृप्ति बनी रहती है। 👉 जब तक कन्या राशि पर सूर्य रहते हैं, तब तक पितर अपनी सन्तानों द्वारा किए जाने वाले श्राद्ध की *प्रतीक्षा* करते हैं। 👉 कुछ पितर सूर्य के तुला राशि में रहने तक यानि *कार्तिक* मास में भी श्राद्ध की राह देखते हैं। 👉 इस प्रकार पूरे *दो मास* तक भूख - प्यास से व्याकुल पितर वायु रूप में आकर *घर* के दरवाजों पर खड़े रहते हैं। (स्कन्द पुराण) 👉 जिस घर में *श्वान* रहता है, उस घर में पितर प्रवेश नहीं करते हैं। 👉 श्राद्धकर्त्ता *दो श्वेत वस्त्र* अवश्य पहनें। 👉 श्राद्ध ...

Dev Darshan.1/10/23. shashtriji official

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*🌞 🚩 । l ॐ l । 🚩 🌞* 🕉 ।। *श्री गणेशाय नमः* ।। 🕉  *सुप्रभातम् स्नेह वंदनम्*   🌐 *आज का पंचांग* 🌐  ⛳ *तिथि*…..२ ( द्वितीया ) 🌺 तृतीया श्राद्ध 🌺 🍀 बुध कन्यामें रात्रि ०८ः३७ से 🍀 💎 शुक्र मार्गी होकर सिंहमें रात्रि ०१ः०१ से 💎 0️⃣1️⃣-1️⃣0️⃣-2⃣0⃣2️⃣3️⃣ 🔔 *वार*..….रविवार  🦚 *नक्षत्र*….अश्विनी  🪔 *योग*……व्याघात ✳️ *करण*…. वणिज  🌅 *सूर्योदय* :- ०६ः३२ 🌌 *सूर्यास्त* : - ०६ः२६ 🌓 *पक्ष*......……कृष्ण  🌝 *चन्द्र राशि*….मेष  ⛱️ *ऋतु*.......……शरद 🪷 *मास*...भाद्रपद *कलियुगाब्द*......५१२५ 🌎 *विक्रम संवत्*.....२०७९ 🌏 *शक संवत्*...... १९४५ 🌹 *अभिजीत मुहूर्त…मध्याह्न १२ः५० से ०१ः४३ तक 🌹 🌚 *राहुकाल…..सायं ०४ः५८ से ०६ः२७ तक ( शुभ कार्य वर्जित ) 🌺🌺 कल ०२-१०-२३ सोमवार 🌺🌺  — चतुर्थी क्षयतिथि — 🙏 संकष्ट चतुर्थी 🙏 🌝 चंद्रोदय रात्रि ०८ः३८ 🌝  🦚 चतुर्थी श्राद्ध 🦚 💐*।। आपका दिन मंगलमय हो ।।* 💐 🙏 ● *जय श्री कृष्ण* ● 🙏 श्री मातंगी धाम - भावनगर (गुजरात) आजके श्रृंगार दशॅन । Jay maa annpurna હર મહાદેવ . ब्रा...

ત્રીપિંડી શ્રાદ્ધ વિધિ.

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त्रिपिंडी श्राद्ध  त्रिपिंडी श्राद्ध ये संकल्पना अपने पूर्वजो की आत्माओ को शांति मिलने के लिए उनके वंशजों द्वारा कि जाने वाला एक अनुष्ठान है।  त्रिपिंडी श्राद्ध  ये एक  काम्य श्राद्ध  है, जो अपने मृत पूर्वजो के याद में अर्पित किया जाता है। अगर तीन वर्षों तक, वंशजों द्वारा पूर्वजो के आत्माओ के शांति मिलने के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध नहीं किया गया, तो मृत हिंसक हो जाते है, इसलिए उन्हें शांत करने के लिए  पिंड दान विधि  की जाती है। श्राद्ध कमलाकर शास्त्र के अनुसार, हमारे पूर्वजों के श्राद्ध एक वर्ष में ७२ बार किया जाना चाहिए अगर कई वर्षों से किसी कारण से श्राद्ध नहीं किया गया, तो पूर्वज असंतुष्ट और नाराज रहते हैं। आदित्यपुराण धर्मशास्त्र के अनुसार, यह कहा जाता है कि यदि त्रिपिंडी श्राद्ध अनुष्ठान हर साल नहीं किया गया, तो पूर्वज असंतुष्ट हो कर वंशजों को उसके दुष्परीणामो का सामना करना पड़ता है। अमावस्या व्दादशैव क्षयाहव्दितये तथा।षोडशापरपक्षस्य अष्टकान्वष्टाकाश्च षट॥ संक्रान्त्यो व्दादश तथा अयने व्दे च कीर्तिते।चतुर्दश च मन्वादेर्युगादेश्च चतुष्टयम॥ न सन्ति पितर...

today panchang. રાધાષ્ટમી

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*🌞 🚩 । l ॐ l । 🚩 🌞* 🕉 ।। *श्री गणेशाय नमः* ।। 🕉  *सुप्रभातम् स्नेह वंदनम्*   🌐 *आज का पंचांग* 🌐  ⛳ *तिथि*…..७ ( सप्तमी ) 🙏 ज्येष्ठा गौरी पूजन 🙏 🌺 महालक्ष्मी व्रतारंभ 🌺 🌸 ललिता सप्तमी ( बंगाल- उड़ीसा ) 🌸 🌼 मेलापाट ( कश्मीर ) 🌼 🌺 बिछुड़ा समाप्त दोपहर ०३ः३५ 🌺 2️⃣2️⃣-0️⃣9️⃣-2⃣0⃣2️⃣3️⃣ 🔔 *वार*..….शुक्रवार  🦚 *नक्षत्र*….ज्येष्ठा 🪔 *योग*……आयुष्यमान ✳️ *करण*….विष्टि  🌅 *सूर्योदय* :- ०६ः२९ 🌌 *सूर्यास्त* : - ०६ः३५ 🌓 *पक्ष*......……शुक्ल  🌝 *चन्द्र राशि*….वृश्चिक / दोपहर ०३ः३५ से धन 🌝 ⛱️ *ऋतु*.......……शरद 🪷 *मास*...भाद्रपद *कलियुगाब्द*......५१२५ 🌎 *विक्रम संवत्*.....२०७९ 🌏 *शक संवत्*...... १९४५ 🌹 *अभिजीत मुहूर्त….मध्याह्न १२ः४८ से ०१ः४९ तक  🌚 *राहुकाल….मध्याह्न १२ः४७ से ०१ः५२ तक  ( शुभ कार्य वर्जित ) 💐*।। आपका दिन मंगलमय हो ।।* 💐 🌺🌺 कल २३-९-२३ शनिवार 🌺🌺 🙏दुर्गाष्टमी 🙏 🦚 राधाष्टमी 🦚 🍁 धरोआठम 🍁 🙏 ● *जय श्री कृष्ण* ● 🙏 मूषिकोत्तममारुह्य देवासुरमहाहवे । योद्धुकामं महावीर्यं वन्देऽहं गणनायकम् ॥ श्रेष्ठ मूषक...

ऋषि पंचमी। शास्त्री जी भावनगर।।

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આજે ઋષિપાંચમ છે. આપણાં સુખ અને સમૃદ્ધિની સતત ચિંતા કરનારા આપણાં મહાન ઋષિઓ અને આપણાં પ્રતાપી પૂર્વજોનું સ્મરણ કરવાનો દિવસ. સપ્તમ  મનવન્તરના 7 ઋષિઓએ માનવજાતને સુખી અને સમૃદ્ધ બનાવવા માટે અદ્વિતીય યોગદાન આપ્યું છે. આજે આ સાત ઋષિઓનું સ્મરણ કરી એમના જીવનમાંથી પ્રેરણા પ્રાપ્ત કરવાનું પર્વ છે. નવી પેઢીને આ સાત ઋષિનો પાતળો પરિચય જરૂરથી આપજો. 1. કશ્યપ ઋષિ બ્રહ્માજીના માનસપુત્ર એવા મરીચિ ઋષિના તેઓ પુત્ર છે. સૃષ્ટિના સર્જનમાં એમણે આપેલા યોગદાનને લીધે એમને પ્રજાપતિ તરિકે પણ ઓળખવામાં આવે છે. આજે પણ ધાર્મિક વિધિ વખતે જો કોઈને એના ગોત્રની જાણ ન હોય તો કશ્યપ ગોત્ર તરીકે ઓળખ અપાય છે. 2. અત્રિ ઋષિ અત્રિ ઋષિના પત્ની અનસૂયાની કથા સૌ કોઈએ સાંભળી જ હશે જેમને બ્રહ્મા, વિષ્ણુ અને મહેશને પોતાના તપના પ્રભાવથી નાના બાળક બનાવી દીધા હતા. મહાન અત્રિ ઋષિ ભગવાન દત્તાત્રેય અને દુર્વાસા ઋષિના પિતા છે. એમના ત્રીજા પુત્ર સોમે સોમનાથ જ્યોતિર્લિંગની સ્થાપના કરી હતી. 3.વસિષ્ઠ ઋષિ વસિષ્ઠજી રઘુવંશના કુલગુરુ હતા એ રીતે તેઓ ભગવાન શ્રીરામના કુલ ગુરુ હતા. તેઓ મહાન ઋષિ પરાસરના દાદા અને મહાભારત સહિત અનેક ગ્રંથોના રચયિતા વેદવ્યા...