મંત્ર શકિત દ્વારા આપડું જીવન બદલો
*🕉️मंत्र जप से बदल सकता है जीवन🕉️*
कभी भी आपके मन-मस्तिष्क में यह बात आई है कि मंत्रों का क्या और कितना महत्व है..?
मंत्रों की शक्ति और उनके हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में अक्सर हम सुनते रहते हैं, लेकिन शायद ही कभी हमने हेल्थ और मंत्र के साइंटिफिक कनेक्शन को जानने की कोशिश की हो.! अगर हम मंत्रों के हेल्थ कनेक्शन को जान जाएंगे, तो ज़ाहिर है उन्हें बेहतर तरी़के से अपने जीवन में अपनाकर हेल्दी और बेहतर ज़िंदगी जी सकेंगे।
👉वैसे तो हमारे ऋषि मुनि व संतों ने मंत्रों के बारे में लाखों वर्ष पूर्व ही काफी कुछ बताया है। हमारे सनातन धर्म ग्रंथों में मंत्रों पर काफी विस्तार से वर्णन है।और आज विज्ञान भी इसी तर्ज पर अपना रिसर्च करके मंत्रों की प्रभाव को पूरी तरह स्वीकार करने लगा है।
👉हमारे पौराणिक ग्रंथों में व ज्योतिष शास्त्रों में मंत्रों पर काफी विस्तृत जानकारियां उपलब्ध है। सही मंत्र जप से सजीव व निर्जीव दोनों तरह के पदार्थों को प्रभावित किया जा सकता है।
👉मंत्रों से पांचों तत्वों आकाश, अग्नि, वायु, पृथ्वी व जल को पूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं और मंत्रों द्वारा दैवीय शक्तियों को अनुकूल व जागृत किया जा सकता है।
👉ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उचित तरीके से किए हुए मंत्र ग्रह और नक्षत्रों के प्रभाव को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। यदि सही तरीके से मंत्र जप किये जाए तो ग्रह नक्षत्रों की अनुकूलता प्राप्त हो सकती है।
👉वर्तमान में मेडिकल साइंस भी यह मानने लगा है की मंत्रों से रोग उपचार में आसानी होती है। और वैसे हमारे आयुर्वेद का तो पूरा सिद्धांत ही मंत्रों के साथ जुड़ा हुआ था।
👉मंत्र दरअसल साउंड यानी ध्वनि होते हैं और विज्ञान कहता है, ध्वनि ऊर्जा के सिवा कुछ नहीं है. यानी मंत्र का सीधा मतलब है- एनर्जी। मंत्र जप करने का अर्थ है शक्ति के विभिन्न स्तर को महसूस करना और शक्तियों को प्राप्त करना।
👉एक ही ध्वनि अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग परिणाम देती है. विज्ञान यह भी कहता है कि मनुष्य शरीर ऊर्जा का एक घना रूप है. जब किसी ख़ास मंत्र का ख़ास उद्देश्य के लिए जाप किया जाए, तो शरीर की एनर्जी को बेहतर व पूर्ण रूप से महसूस किया जा सकता है।
👉मंत्र किस तरह से हमारे जीवन व हेल्थ को प्रभावित करते हैं, इसका वर्णन वेदों में हज़ारों वर्ष पूर्व ही किया गया है. लेकिन इसके वैज्ञानिक आधार की खोज अब तक जारी है. मंत्र और साइंस में बहुत ही गहरा कनेक्शन है।
👉मंत्रों की एक निश्चित फ्रिक्वेंसी होती है. मंत्रों के नियमित जाप से हमारे शरीर के नर्वस सिस्टम में एक रिदम में दबाव यानी प्रेशर पैदा होता है, जिससे हमारे चक्र जाग जाते हैं और शरीर एवं मस्तिष्क में एनर्जी पैदा होती है।
👉 मंत्रों के उच्चारण से जो फ्रिक्वेंसी पैदा होती है, उसका सकारात्मक असर हमारे शरीर व मन पर पड़ता है।
👉 वर्तमान में विज्ञानिक शोध के मुताबिक भी यह साबित हुआ है कि ध्यान यानी डीप मेडिटेशन से लोगों की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, मानसिक विकार दूर होते हैं व मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ती है।
👉हॉवर्ड मेडिकल कॉलेज ने अपने रिसर्च में पाया कि जो लोग नियमित रूप से ध्यान करते हैं,व नियमित मंत्र जप करते हैं, उनके ‘डिसीज़ फाइटिंग जींस’ यानी बीमारियों से लड़ने वाले जींस अधिक एक्टिव रहते हैं।
👉शोधों में भी यह पाया गया कि कई मरीज़ों पर मंत्रों के काफ़ी सकारात्मक नतीजे देखने को मिलते हैं. साउंड व मंत्रों पर किए गए रिसर्च से यह पता चलता है कि निश्चित साउंड फ्रिक्वेंसी हमारे माइंड को विशेष प्रकार की आरामदायक परिस्थिति में पहुंचा देती हैं, जिसे वैज्ञानिक भाषा में अल्फा स्टेट कहा जाता है।
👉आज विज्ञान की बदौलत हम सभी जानते हैं कि विशेष तरंगों को इंसानी कान नहीं सुन सकते, लेकिन सोनोग्राफी एवं अल्ट्रासाउंड के द्वारा आज हम विभिन्न प्रकार के असाध्य रोगों से निजात पा सकते हैं।
👉शब्दों की ताक़त अपार है. अगर कुछ उत्साहवर्द्धक शब्द सैनिकों में नई जान डालकर एक हारे हुए युद्ध को जिता सकते हैं, तो कुछ अपशब्द बड़े से बड़े और गहरे रिश्ते-नाते तोड़ भी देते हैं।मंत्र जप करना धर्म या अंधविश्वास नहीं, ये है विज्ञान।और हमारे ऋषि-मुनियों ने इस विज्ञान को लाखो वर्ष पूर्व उद्घाटित कर दिया था।
👉अक्सर लोग आज भी इसी ग़लतफ़हमी में हैं कि मंत्रों का संबंध किसी विशेष धर्म से है, जबकि तमाम साइंटिफिक रिसर्च और शोधों से यह साफ़ हो चुका है कि मंत्रों का आधार विज्ञान है. धर्म संप्रदाय से इनका कोई संबंध नहीं, इसीलिए हर धर्म व समुदाय के लोग इनका प्रयोग करके स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं।
___________
👉मंत्र का यदि गूढ़ अर्थ जानें, तो मन का मतलब है- माइंड और त्र का अर्थ है तरंग या कंपन. मंत्रों के जप से जो कंपन होता है, वह न स़िर्फ हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है, बल्कि मंत्रोच्चारण के समय श्वास- प्रश्वास की क्रिया व रिदम हमारे ग्लांड्स पर असर डालते हैं, जिसका सीधा प्रभाव हमारी हेल्थ पर होता है।
👉मंत्र जप के व़क्त हम ध्यानावस्था में पहुंच जाते हैं और हमारा मस्तिष्क अल्फा स्टेट में, जिससे नर्वस सिस्टम बैलेंस होता है और तनाव दूर होता है।
👉दरअसल, ध्यान की अवस्था में मस्तिष्क शांत हो जाता है और तनाव रहित होने पर बीमारियों से लड़ने वाले हार्मोंस क्रियाशील होते हैं और बीमारी उत्पन्न करने वाले हार्मोंस कम होते हैं।।
👉मंत्रों के नियमित जप से इम्यूनिटी बढ़ती है, क्योंकि इनका प्रभाव मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम पर इस तरह से होता है, जिससे हमारे हार्मोंस प्रभावित होते हैं।
👉सेरोटोनिन और डोपामाइन को हैप्पीनेस हार्मोंस कहा जाता है, मंत्रों के सकारात्मक प्रभाव से हैप्पी हार्मोंस रिलीज़ होकर मस्तिष्क को सुखद अवस्था में पहुंचाते हैं. स़िर्फ इतना ही नहीं, हमारे मूड से लेकर भूख और नींद तक से जुड़े मस्तिष्क के केंद्रों को यह प्रभावित करके हार्मोंस के स्तर को बैलेंस करते हैं, जिससे हमारी इम्यूनिटी बेहतर होती है।
*पुराणिक शास्त्रों के साथ-साथ आज वर्तमान विज्ञान ने भी स्वीकार किया है कि मंत्रों का सही प्रयोग करके जीवन को स्वस्थ,सरल व सफल बनाया जा सकता।
🕉️
Comments