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આજનું પંચાંગ તથા રાશિ ભવિષ્ય (૦૧/૧૨/૨૦)

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🚩 શ્રી યજ્ઞ નારાયણો વિજયતેતરામ્🚩  📜 દૈનિક પંચાંગ 📜 ☀ 01 - Dec - 2020 ☀ મંગલ વાર ☀ પંચાંગ     🔅 તિથી  પ્રથમા (એકમ)  16:54:01 🔅 નક્ષત્ર  રોહિણી  08:30:53 🔅 કરણ :            કૌલવ  16:54:01            તૈતુલ  29:42:09 🔅 પક્ષ  કૃષ્ણ   🔅 યોગ  સિદ્ધ  11:06:40 🔅 દિવસ  મંગળવાર   ☀ સૂર્ય અને ચંદ્ર ગણતરીઓ     🔅 સૂર્યોદય  06:56:44   🔅 ચંદ્રોદય  18:08:59   🔅 ચંદ્ર રાશિ  વૃષભ - 21:37:12 સુધી   🔅 સૂર્યાસ્ત  17:23:48   🔅 ચંદ્રાસ્ત  07:33:59   🔅 ઋતું  હેમંત   ☀ હિન્દૂ માસ અને વર્ષ     🔅 શકે સંવત  1942  શાર્વરી 🔅 કલિ સંવત  5122   🔅 દિન અવધિ  10:27:03   🔅 વિક્રમ સંવત  2077   🔅 અમાન્ત મહિનો  કાર્તિક (કારતક)   🔅 પૌર્ણિમાન્ત મહિનો  માર્ગશીર્ષ (માગશર...

तिलक धारण

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त्रिपुंड और तिलक ......... ललाट अर्थात माथे पर भस्म या चंदन से तीन रेखाएं बनाई जाती हैं उसे त्रिपुंड कहते हैं। भस्म या चंदन को हाथों की बीच की तीन अंगुलियों से लेकर सावधानीपूर्वक माथे पर तीन तिरछी रेखाओं जैसा आकार दिया जाता है।  शैव संप्रदाय के लोग इसे धारण करते हैं। शिवमहापुराण के अनुसार त्रिपुंड की तीन रेखाओं में से हर एक में नौ-नौ देवता निवास करते हैं। त्रिपुंड के देवताओ के नाम इस प्रकार हैं-........... 1- अकार, गार्हपत्य अग्नि, पृथ्वी, धर्म, रजोगुण, ऋग्वेद, क्रियाशक्ति, प्रात:स्वन तथा महादेव- ये त्रिपुंड की पहली रेखा के नौ देवता हैं। 2- ऊंकार, दक्षिणाग्नि, आकाश, सत्वगुण, यजुर्वेद, मध्यंदिनसवन, इच्छाशक्ति, अंतरात्मा और महेश्वर- ये त्रिपुंड की दूसरी रेखा के नौ देवता हैं। 3- मकार, आहवनीय अग्नि, परमात्मा, तमोगुण, द्युलोक, ज्ञानशक्ति, सामवेद, तृतीयसवन तथा शिव- ये त्रिपुंड की तीसरी रेखा के नौ देवता हैं। त्रिपुंड का मंत्र-ॐ त्रिलोकिनाथाय नम: तिलक के प्रकार : .......… तिलक कई प्रकार के होते हैं - मृतिका, भस्म, चंदन, रोली, सिंदूर, गोपी आदि।  सनातन धर्म में शैव, शाक्त, व...

આજનું પંચાંગ તથા રાશિ ભવિષ્ય ,(૩૦/૧૧/૨૦)

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🚩 શ્રી યજ્ઞ નારાયણો વિજયતેતરામ્🚩  📜 દૈનિક પંચાંગ 📜 ☀ 30 - Nov - 2020 ☀ સોમવાર ☀ પંચાંગ     🔅 તિથી  પૂર્ણિમા (પૂનમ)  15:01:21 🔅 નક્ષત્ર  રોહિણી  પૂર્ણ રાત્રિ 🔅 કરણ :            ભાવ  15:01:21            બાલવ  28:00:17 🔅 પક્ષ  શુક્લ   🔅 યોગ  શિવ  10:44:05 🔅 દિવસ  સોમવાર   ☀ સૂર્ય અને ચંદ્ર ગણતરીઓ     🔅 સૂર્યોદય  06:55:59   🔅 ચંદ્રોદય  17:26:59   🔅 ચંદ્ર રાશિ  વૃષભ   🔅 સૂર્યાસ્ત  17:23:48   🔅 ચંદ્રાસ્ત  ચંદ્રાસ્ત નહીં   🔅 ઋતું  હેમંત   ☀ હિન્દૂ માસ અને વર્ષ     🔅 શકે સંવત  1942  શાર્વરી 🔅 કલિ સંવત  5122   🔅 દિન અવધિ  10:27:49   🔅 વિક્રમ સંવત  2077   🔅 અમાન્ત મહિનો  કાર્તિક (કારતક)   🔅 પૌર્ણિમાન્ત મહિનો  કાર્તિક (કારતક)...

આજનું પંચાંગ તથા રાશિ ભવિષ્ય વૈદિક મંત્ર (૨૮/૧૧/૨૦)

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🚩 શ્રી યજ્ઞ નારાયણો વિજયતેતરામ્🚩  📜 દૈનિક પંચાંગ 📜 ☀ 28 - Nov - 2020 ☀ શનિવાર ☀ પંચાંગ     🔅 તિથી ત્રયોદશી (તેરસ) 10:23:28 🔅 નક્ષત્ર ભરણી 27:19:06 🔅 કરણ :            તૈતુલ 10:23:28            ગરજ 23:38:06 🔅 પક્ષ શુક્લ   🔅 યોગ વરિયાન 09:20:54 🔅 દિવસ શનિવાર   ☀ સૂર્ય અને ચંદ્ર ગણતરીઓ     🔅 સૂર્યોદય 06:54:25   🔅 ચંદ્રોદય 16:15:00   🔅 ચંદ્ર રાશિ મેશ   🔅 સૂર્યાસ્ત 17:23:54   🔅 ચંદ્રાસ્ત 29:44:00   🔅 ઋતું હેમંત   ☀ હિન્દૂ માસ અને વર્ષ     🔅 શકે સંવત 1942 શાર્વરી 🔅 કલિ સંવત 5122   🔅 દિન અવધિ 10:29:29   🔅 વિક્રમ સંવત 2077   🔅 અમાન્ત મહિનો કાર્તિક (કારતક)   🔅 પૌર્ણિમાન્ત મહિનો કાર્તિક (કારતક)   ☀ શુભ/ અશુભ સમય     ☀ શુભ સમય     🔅 અભિજિત 11:48:10 - 12:30:08 ☀ અશુભ સમય   ...

આજનું પંચાંગ તથા રાશિ ભવિષ્ય (૨૭/૧૧/૨૦)

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🚩 શ્રી યજ્ઞ નારાયણો વિજયતેતરામ્🚩  📜 દૈનિક પંચાંગ 📜 ☀ 27 - Nov - 2020 ☀ શુક્રવાર ☀ પંચાંગ     🔅 તિથી દ્વાદશી (બારસ) 07:48:25 🔅 નક્ષત્ર અશ્વિની 24:22:47 🔅 કરણ :            બાલવ 07:48:25            કૌલવ 21:06:37 🔅 પક્ષ શુક્લ   🔅 યોગ વ્યતાપતા 08:27:38 🔅 દિવસ શુક્રવાર   ☀ સૂર્ય અને ચંદ્ર ગણતરીઓ     🔅 સૂર્યોદય 06:53:38   🔅 ચંદ્રોદય 15:43:59   🔅 ચંદ્ર રાશિ મેશ   🔅 સૂર્યાસ્ત 17:23:59   🔅 ચંદ્રાસ્ત 28:49:59   🔅 ઋતું હેમંત   ☀ હિન્દૂ માસ અને વર્ષ     🔅 શકે સંવત 1942 શાર્વરી 🔅 કલિ સંવત 5122   🔅 દિન અવધિ 10:30:21   🔅 વિક્રમ સંવત 2077   🔅 અમાન્ત મહિનો કાર્તિક (કારતક)   🔅 પૌર્ણિમાન્ત મહિનો કાર્તિક (કારતક)   ☀ શુભ/ અશુભ સમય     ☀ શુભ સમય     🔅 અભિજિત 11:47:48 - 12:29:49 ☀ અશુભ સ...

આજનું પંચાંગ તથા રાશિ ભવિષ્ય (૨૬/૧૧/૨૦૨૦)

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એકાદશી વ્રત.. http://shashtrijibhavnagar.blogspot.com/2020/11/blog-post_25.html 🚩 શ્રી યજ્ઞ નારાયણો વિજયતેતરામ્🚩  📜 દૈનિક પંચાંગ 📜 ☀ 26 - Nov - 2020 ☀ ગુરુવાર ☀ પંચાંગ     🔅 તિથી દ્વાદશી (બારસ) પૂર્ણ રાત્રિ 🔅 નક્ષત્ર રેવતી 21:20:36 🔅 કરણ ભાવ 18:29:54 🔅 પક્ષ શુક્લ   🔅 યોગ સિદ્ધિ 07:33:14 🔅 દિવસ ગુરુવાર   ☀ સૂર્ય અને ચંદ્ર ગણતરીઓ     🔅 સૂર્યોદય 06:52:51   🔅 ચંદ્રોદય 15:13:59   🔅 ચંદ્ર રાશિ મીન - 21:20:36 સુધી   🔅 સૂર્યાસ્ત 17:24:07   🔅 ચંદ્રાસ્ત 27:57:59   🔅 ઋતું હેમંત   ☀ હિન્દૂ માસ અને વર્ષ     🔅 શકે સંવત 1942 શાર્વરી 🔅 કલિ સંવત 5122   🔅 દિન અવધિ 10:31:16   🔅 વિક્રમ સંવત 2077   🔅 અમાન્ત મહિનો કાર્તિક (કારતક)   🔅 પૌર્ણિમાન્ત મહિનો કાર્તિક (કારતક)   ☀ શુભ/ અશુભ સમય     ☀ શુભ સમય     🔅 અભિજિત 11:47:26 - 12:29:32 ☀ અશુભ સમય   ...

देवोत्थान एकादशी।।

🌷देवोत्थान एकादशी ।🌷 कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी दीपावली के बाद आती है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयन करते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं, इसीलिए इसे देवोत्थान एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में 4 माह शयन के बाद जागते हैं। भगवान विष्णु के शयनकाल के चार मास में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं, इसीलिए देवोत्थान एकादशी पर भगवान हरि के जागने के बाद शुभ तथा मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाता है। देवोत्थान एकादशी व्रत और पूजा विधि प्रबोधिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन और उनसे जागने का आह्वान किया जाता है। इस दिन होने वाले धार्मिक कर्म इस प्रकार हैं- तुलसी विवाह का आयोजन देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाता है। तुलसी के वृक्ष और शालिग्राम की यह शादी सामान्य विवाह की तरह पूरे धूमधाम से की जाती है। चूंकि तुलसी को विष्णु प्रिया भी कहते हैं इसलिए देवता जब जागते हैं, त...

ब्रह्म मुहूर्त में क्यों उठे।

*ब्रह्म मुहूर्त मे क्यों उठे?* 🌞👇🌻👇🌞👇🌻 १👉सुख-संपत्ति का कारण है ब्रह्म मुहूर्त में जागना ⭐👇🌟👇🌟👇⭐👇 भारतीय संस्कृति में प्रातः जागरण को एक आदर्श जीवनशैली व जीवनचर्या का आधार ही नहीं माना जाता, वरन् इसे एक धार्मिक कृत्य भी माना जाता है। वर्तमान में भी ब्रह्म मुहूर्त में जागने वाले मनुष्य को आदर्श दृष्टि से देखा जाता है। क्या है ब्रह्ममुहूर्त~ 🌻🌼🌻🌼🌻🌼🌻 रात्रि के अंतिम प्रहर को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने, इस मुहूर्त का विशेष महत्व वर्णित किया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग हेतु सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में जागने से सौंदर्य, बल, बुद्धि, विद्या,सुख-संपत्ति व स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। सूर्योदय से ४ घड़ी (लगभग डेढ़ घंटे) पूर्व, ब्रह्म।मुहूर्त में जाग जाना चाहिए। इस समय सोना निषिद्ध होता है... "ब्रह्ममुहूर्ते या निद्रा सा पुण्यक्षयकारिणी" अर्थात, ब्रह्म मुहूर्त की निद्रा पुण्य का नाश करने वाली होती है। करावलोकन 👉 आँखों के खुलते ही दोनों हाथों की हथेलियों को देखते हुये निम्नलिखित श्लोक का पाठ करें । कराग्रे वसति लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वत...

આજનું પંચાંગ તથા રાશિ ભવિષ્ય (૨૫/૧૧/૨૦૨૦)

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🚩 શ્રી યજ્ઞ નારાયણો વિજયતેતરામ્🚩  📜 દૈનિક પંચાંગ 📜 ☀ 25 - Nov - 2020 ☀ બુધવાર ☀ પંચાંગ     एकादशी व्रत के बारे में।।  एकादशी विशेष।। 🔅 તિથી  એકાદશી (અગિયારસ)  29:12:12 🔅 નક્ષત્ર  ઉત્તરભાદ્રપદ  18:20:33 🔅 કરણ :            વાણિજ  15:56:30            વિષ્ટિ ભદ્ર  29:12:12 🔅 પક્ષ  શુક્લ   🔅 યોગ  સિદ્ધિ  પૂર્ણ રાત્રિ 🔅 દિવસ  બુધવાર   ☀ સૂર્ય અને ચંદ્ર ગણતરીઓ     🔅 સૂર્યોદય  06:52:02   🔅 ચંદ્રોદય  14:46:00   🔅 ચંદ્ર રાશિ  મીન   🔅 સૂર્યાસ્ત  17:24:17   🔅 ચંદ્રાસ્ત  27:06:00   🔅 ઋતું  હેમંત   ☀ હિન્દૂ માસ અને વર્ષ     🔅 શકે સંવત  1942  શાર્વરી 🔅 કલિ સંવત  5122   🔅 દિન અવધિ  10:32:14   🔅 વિક્રમ સંવત  2077   🔅 અમાન્ત મહિનો  કાર્તિક (કા...

एकादशी विशेष।।

*एकादशी दो प्रकार की होती है।* *(1)सम्पूर्णा (2) विद्धा* *सम्पूर्णा:-* जिस तिथि में केवल एकादशी तिथि होती है अन्य किसी तिथि का उसमे मिश्रण नही होता उसे सम्पूर्णा एकादशी कहते है। *विद्धा एकादशी पुनः दो प्रकार की होती है* *(1) पूर्वविद्धा (2) परविद्धा* *पूर्वविद्धा:-* दशमी मिश्रित एकादशी को पूर्वविद्धा एकादशी कहते हैं।यदि एकादशी के दिन अरुणोदय काल (सूरज निकलने से 1घंटा 36 मिनट का समय) में यदि दशमी का नाम मात्र अंश भी रह गया तो ऐसी एकादशी पूर्वविद्धा दोष से दोषयुक्त होने के कारण वर्जनीय है यह एकादशी दैत्यों का बल बढ़ाने वाली है।पुण्यों का नाश करने वाली है। *पद्मपुराण में वर्णित है।* *" वासरं दशमीविधं दैत्यानां पुष्टिवर्धनम।* *मदीयं नास्ति सन्देह: सत्यं सत्यं पितामहः।।* " दशमी मिश्रित एकादशी दैत्यों के बल बढ़ाने वाली है इसमें कोई भी संदेह नही है।" *परविद्धा:-* द्वादशी मिश्रित एकादशी को परविद्धा एकादशी कहते हैं! *" द्वादशी मिश्रिता ग्राह्य सर्वत्र एकादशी तिथि:* "द्वादशी मिश्रित एकादशी सर्वदा ही ग्रहण करने योग्य है।" इसलिए भक्तों को परविद्धा एकादशी ही रखनी चाहिए।ऐ...

शास्त्रीय ज्ञान।।जानियें, मोर-पंख से कैसे पायें - सुख-समृद्धि और शांति ||

|| जानियें, मोर-पंख से कैसे पायें - सुख-समृद्धि और शांति || ====================================== सनातन धर्म में मोर-पंख का विशेष महत्तव है। मोर-पंख का संबंध केवल श्रीकृष्ण से नहीं, बल्कि अन्य देवी-देवताओं से भी है। मोर सरस्वती देवी का भी वाहन है यही मोर भगवान शंकर के पुत्र कार्तिकेय का वाहन भी है। नेपाल आदि देशों में मोर को ब्रम्हा की सवारी के रूप में माना जाता है यहाँ तक कि जापान, इंडोनेसिया थाईलैंड और अन्य देशों में भी मोर पूज्य है। जन सामान्य में मोर-पंख को लेकर यह विश्वास है कि मोर-पंख के प्रयोग से अमंगल टल जाता है। वास्तु एवं ज्योतिष के क्षेत्र में मोर-पंख का अति महत्त्वपूर्ण स्थान है। मोर-पंख घर में रखना मंगलकारी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार मोर के पंखों में सभी देवी-देवताओं और सभी नौ ग्रहों का वास होता है। ऐसा क्यों होता है इसकी कथा हमारे धर्म ग्रंथों में इस प्रकार प्राप्त होती है - प्राचीन काल में संध्या नाम का एक असुर हुआ था। यह बहुत शक्तिशाली और तपस्वी असुर था। गुरु शुकाचार्य के कारण संध्या देवताओं का शत्रु बन गया था। संध्या असुर ने कठोर तप द्वारा शिवजी और ब्रह्म...

આજનું પંચાંગ તથા રાશિ ભવિષ્ય (૨૪/૧૧/૨૦૨૦)

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🚩 શ્રી યજ્ઞ નારાયણો વિજયતેતરામ્🚩  📜 દૈનિક પંચાંગ 📜 ☀ 24 - Nov - 2020 ☀ મંગળવાર ☀ પંચાંગ     🔅 તિથી દશમી (દશમ) 26:44:08 🔅 નક્ષત્ર પૂર્વભાદ્રપદ 15:32:06 🔅 કરણ :            તૈતુલ 13:36:22            ગરજ 26:44:08 🔅 પક્ષ શુક્લ   🔅 યોગ વજ્ર 30:44:07 🔅 દિવસ મંગળવાર   ☀ સૂર્ય અને ચંદ્ર ગણતરીઓ     🔅 સૂર્યોદય 06:51:16   🔅 ચંદ્રોદય 14:16:59   🔅 ચંદ્ર રાશિ કુંભ - 08:52:59 સુધી   🔅 સૂર્યાસ્ત 17:24:26   🔅 ચંદ્રાસ્ત 26:14:00   🔅 ઋતું હેમંત   ☀ હિન્દૂ માસ અને વર્ષ     🔅 શકે સંવત 1942 શાર્વરી 🔅 કલિ સંવત 5122   🔅 દિન અવધિ 10:33:10   🔅 વિક્રમ સંવત 2077   🔅 અમાન્ત મહિનો કાર્તિક (કારતક)   🔅 પૌર્ણિમાન્ત મહિનો કાર્તિક (કારતક)   ☀ શુભ/ અશુભ સમય     ☀ શુભ સમય     🔅 અભિજિત 11:46:45 - 12:28:57 ☀ અશુભ સ...