वास्तु टिप्स ।। शास्त्री जी भावनगर ।।


Shashtriji bhavnagar
Vastu upay

आप अपने घर के वास्तु दोषों को दूर कर के अपने
यहाँ मंगलमय वातावरण कर सकते हैं।।

1) घर में अखंड रूप से 9 बार श्री रामचरितमानस का पाठ
करने से वास्तुदोष का निवारण होता है

2) हाटकेश्वर-क्षेत्र में वास्तुपद नामक तीर्थ के
दर्शन मात्र से ही वास्तुजनित दोषों का निवारण
होता है

3) मुख्य द्धार के उपर सिंदूर से नो अंगुल लंबा नो अंगुल
चोडा स्वास्तिक का चिन्ह बनाये और जहाँ-२ भी वास्तु
दोष है वहाँ इस चिन्ह का निर्माण करें वास्तुदोष का निवारण
हो जाता है

4) रसोई घर गलत स्थान पर हो तो अग्निकोण में एक बल्ब लगा दें
और सुबह-शाम अनिवार्य रूप से जलाये।

६ द्धार दोष और वेध दोष दूर करने के लिए शंख,
सीप, समुद्र झाग, कौड़ी लाल कपड़े में
या मोली में बांधकर दरवाजे पर लटकायें।

5) बीम के दोष को शांत करने के लिए बीम
को सीलिंग टायल्स से ढंक दें। बीम के
दोनों ओर बांस की बांसुरी लगायें।

6) घर के दरवाजे पर घोड़े की नाल (लोहे
की) लगायें। यह अपने आप
गिरी होनी चाहिए

7) घर के सभी प्रकार के वास्तु दोष दूर करने के लिए
मुख्य द्धार पर एक ओर केले का वृक्ष दूसरी ओर
तुलसी का पौधा गमले में लगायें।

8) दुकान की शुभता बढ़ाने के लिए प्रवेश द्धार के
दोनों ओर गणपति की मूर्ति या स्टिकर लगायें। एक
गणपति की दृष्टि दुकान पर पड़ेगी, दूसरे
गणपति की बाहर की ओर।

9) यदि दुकान में
चोरी होती हो या अग्नि लगती हो
तो भौम यंत्र की स्थापना करें। यह यंत्र पूर्वोत्तर कोण
या पूर्व दिशा में, फर्श से नीचे दो फीट
गहरा गङ्ढा खोदकर स्थापित किया जाता है।

10) यदि पलाट खरीदे हुये बहुत समय
हो गया हो और मकान बनने का योग ना आ रहा हो तो उस प्लाट में
अनार का पौधा पुष्य नक्षत्र में लगायें।

11) 1 घर में 9 दिन तक अखंड कीर्तन करने से
वास्तुजनित दोषों का निवारण होता है

12) अगर आपका घर चारों ओर बड़े मकानों से घिरा हो तो उनके
बीच बांस का लम्बा फ्लेग लगायें या कोई बहुत
ऊंचा बढ़ने वाला पेड़ लगायें।

13) फैक्ट्री-कारखाने के उद्घाटन के समय
चांदी का सर्प पूर्व दिशा में जमीन में स्थापित
करें।

14) अपने घर के उतर के कोण में तुलसी का पौधा लगाएं

15) हल्दी को जल में घोलकर एक पान के
पत्ते की सहायता से अपने सम्पूर्ण घर में छिडकाव
करें. इससे घर में लक्ष्मी का वास
तथा शांति भी बनी रहती है.

16) अपने घर के मन्दिर में घी का एक
दीपक नियमित जलाएं तथा शंख
की ध्वनि तीन बार सुबह और शाम के
समय करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से बहार
निकलती है.

17) घर में सफाई हेतु रखी झाडू को रास्ते के पास
नहीं रखें. यदि झाडू के बार-बार पैर का स्पर्थ
होता है, तो यह धन-नाश का कारण होता है. झाडू के ऊपर कोई
वजनदार वास्तु भी नहीं रखें.

18) अपने घर में दीवारों पर सुन्दर,
हरियाली से युक्त और मन को प्रसन्न करने वाले चित्र
लगाएं. इससे घर के मुखिया को होने वाली मानसिक
परेशानियों से मुक्ति मिलती है.

19) वास्तुदोष के कारण यदि घर में किसी सदस्य को रात में
नींद नहीं आती या स्वभाव
चिडचिडा रहता हो, तो उसे दक्षिण दिशा की तरफ सिर
करके शयन कराएं. इससे उसके स्वभाव में बदलाव होगा और
अनिद्रा की स्थिति में भी सुधार होगा.

20) अपने घर के ईशान कोण को साफ़ सुथरा और खुला रखें. इससे
घर में शुभत्व की वृद्धि होती है.

21) अपने घर के मन्दिर में देवी-देवताओं पर चढ़ाए गए
पुष्प-हार दूसरे दिन हटा देने चाहिए और भगवान को नए पुष्प-
हार अर्पित करने चाहिए.

22) घर के उत्तर-पूर्व में
कभी भी कचरा इकट्ठा न होने दें और न
ही इधर
भारी मशीनरी रखें.

23) अपने वंश की उन्नति के लिये घर के मुख्य द्धार
पर अशोक के वृक्ष दोनों तरफ लगाएं.

24) यदि आपके मकान में उत्तर दिशा में स्टोररूम है, तो उसे
यहाँ से हटा दें. इस स्टोररूम को अपने घर के पश्चिम भाग
या नैऋत्य कोण में स्थापित करें.

25) घर में उत्पन्न वास्तुदोष घर के मुखिया को कष्टदायक होते
हैं. इसके निवारण के लिये घर के
मुखिया को सातमुखी रूद्राक्ष धारण करना चाहिए.

26) यदि आपके घर का मुख्य द्धार दक्षिणमुखी है,
तो यह भी मुखिया के के लिये हानिकारक होता है.
इसके लिये मुख्य द्धार पर श्वेतार्क
गणपति की स्थापना करनी चाहिए.

27) अपने घर के पूजा घर में देवताओं के चित्र भूलकर
भी आमने-सामने नहीं रखने चाहिए इससे
बड़ा दोष उत्पन्न होता है.

28) अपने घर के ईशान कोण में स्थित पूजा-घर में अपने
बहुमूल्य वस्तुएँ नहीं छिपानी चाहिए.

29) पूजाकक्ष की दीवारों का रंग सफ़ेद
हल्का पीला अथवा हल्का नीला होना चाहिए.

30) यदि आपके रसोई घर में रेफ्रिजरेटर नैऋत्य कोण में रखा है,
तो इसे वहां से हटाकर उत्तर या पश्चिम में रखें.

31) दीपावली अथवा अन्य
किसी शुभ मुहूर्त में अपने घर में पूजास्थल में
वास्तुदोष नाशक कवच की स्थापना करें और नित्य
इसकी पूजा करें. इस कवच को दोषयुक्त स्थान पर
भी स्थापित करके आप वास्तुदोषों से सरलता से
मुक्ति पा सकते हैं.

32) अपने घर में ईशान कोण अथवा ब्रह्मस्थल में स्फटिक
श्रीयंत्र की शुभ मुहूर्त में स्थापना करें.
यह यन्त्र लक्ष्मीप्रदायक
भी होता ही है, साथ
ही साथ घर में स्थित
वास्तुदोषों का भी निवारण करता है.

33) प्रातःकाल के समय एक कंडे/ उपले पर
थोड़ी अग्नि जलाकर उस पर थोड़ी गुग्गल
रखें और ‘ॐ नारायणाय नम:’ मंत्र का उच्चारण करते हुए
तीन बार घी की कुछ बूँदें डालें.
अब गुग्गल से जो धुँआ उत्पन्न हो, उसे अपने घर के प्रत्येक
कमरे में जाने दें. इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा ख़त्म
होगी और वास्तुदोषों का नाश होगा.

34) घर में किसी भी कमरे में सूखे हुए
पुष्प ना रखें . यदि छोटे गुलदस्ते में रखे हुए फूल सूख जाएं, तो
नए पुष्प लगा दें और सूखे पुष्पों को निकालकर बाहर फेंक दें.

35) सुबह के समय थोड़ी देर तक निरंतर बजने
वाली गायत्री मंत्र की धुन
चलने दें. इसके अतिरिक्त कोई अन्य धुन भी आप
बजा सकते हैं.

36) सायंकाल के समय घर के सदस्य सामूहिक
आरती करें. इससे भी वास्तुदोष दूर होते
हैं.

37) अगर आपके घर के पास कोई नाला या कोई नदी इस
प्रकार बहती हो कि उसके बहाव
की दिशा उत्तर-पूर्व को छोड़कर कोई और दिशा में है,
या उसका घुमाव घडी कि विपरीत दिशा में है,
तो यह वास्तु दोष है। इसका निवारण यह है कि घर के उत्तर-
पूर्व कोने में पश्चिम की ओर मुख किए हुए, नृत्य
करते हुए गणेश की मूर्ति रखें।

38) यदि घर में जल निकालने का स्थान / बोरिंग गलत दिशा में
हो तो भवन में दक्षिण-पश्चिम की ओर मुख किए
हुए
पंचमुखी हनुमानजी की तस्व
ीर
लगाएं

39) यदि आपके भवन के ऊपर से विद्धयुत तरंगे (उच्च
सवेंदी) तार गुजरती हो तो इन तारो से
प्रवाहित होने वाली ऊर्जा का घर से निकलने
वाली ऊर्जा से प्रतिरोध होता है। इस प्रकार के भवन
में नींबुओ से भरी प्लास्टिक पाईप को फर्श
से सटाकर या थोड़ा जमीन में गाड़ कर घर के इस पार से
उस पार बिछा दें, नींबुओं से भरी पाईप
दोनों और कम-से-कम तीन फिट बाहर
निकली रहे।

40) यदि भवन में प्रवेश करते ही सामने
खाली दीवार पड़े तो उस पर भावभंगिमापूर्ण
गणेशजी की तस्वीर लगाएं
या स्वास्तिक यंत्र का प्रयोग करके घर के
ऊर्जा वृत्तों को बढ़ाया जा सकता है। पर, कुशल वास्तु
कारीगर के द्वारा ही करवाना चाहिए।

41) अगर टॉयलेट घर के पूर्वी कोने में है तो टॉयलेट
शीट इस प्रकार लगवाएं कि उस पर उत्तर
की ओर मुख करके बैठ सकें या पश्चिम
की ओर।

42) Atleast 3-4 times, Pure Ghar Main Namak Ke Paani ka Pauncha jaroor lagayein

४३) पूजा स्थान के ईशान कोण में जल रखने से या अग्निकोण में
दीपक जलाने से वास्तुदोष का शमन होता है

४४( आपकी रसोई दक्षिण पूर्व में और
पानी कि व्यवस्था ईशान में तथा पूजा स्थान ईशान कोण में
हो तो आपके घर के वास्तुदोष का शमन होता है

४५) अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करने से वास्तु दोष
प्रभावहीन हो जाता है।।ॐ नमो नमः।।

शास्त्री जी भावनगर

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