दिप प्रज्वलन नियम।
जय महादेव
*दीपक प्रज्जवलन के नियम*
👉 हिंदू शास्त्रों में पूजा-पाठ के दौरान जिन कुछ चीजों का महत्व है, उन्हीं में से एक है पूजा के दौरान दिया जलाना।
पूजा करते हुए दीपक जलाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. हालांकि मान्यता ये भी है कि दिया सही वक्त पर और सही तरीके से ही जलाया जाना चाहिए तभी भगवान का आशीर्वाद मिलता है.
हम आपको बता रहे हैं कि दीपक जलाने के दौरान किन बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।
👉दीपक जलाना महत्वपूर्ण है क्योंकि इस विधि के साथ ही किसी भी पूजा का अंत माना जाता है जैसे फल-फूल चढ़ाना, स्नान-ध्यान पूजा का हिस्सा है, वैसे ही इसका भी अलग महत्व है
माना जाता है कि भगवान के सामने रौशनी करना खुद के जीवन से अंधकार को दूर करना है
👉दिया जलाने के लिए वैसे तो घी के दीपक को अच्छा माना जाता है लेकिन अलग-अलग अवसरों पर अलग-अलग तेल और अलग तरह की बाती लगती है
👉 जैसे शनिवार को घी की बजाए सरसों तेल से दीपक जलाना चाहिए
*हमेशा कोशिश करें कि दो बातियों को आपस में गूंथकर ही दिया लगाया जाए।*
👉 *एक बाती वाला दिया तभी शुभ माना जाता है जब वो फूलबाती हो यानी बीच में हो दो बातियों वाला दीपक पूजा को संपूर्ण करता है।*
👉जो दीपक आप जलाने जा रहे हों, वो कभी भी खंडित यानी टूटा-फूटा नहीं होना चाहिए खंडित दिया जलाने से दिया न जलाना बेहतर है
इससे पूजा का सारा पुण्य चला जाता है।
👉 दिया जलाएं तो उसमें अच्छी तरह से घी या तेल डाल दें बाती को भी थोड़ा ऊपर की ओर खींच दें ।
इससे दिया तेल के पूरा खत्म होने तक जलता रहेगा दीपक का बीच में बुझना शुभ नहीं माना जाता। खासकर पूजा के बीच में।
👉 बुझ चुके दिये की बाती को मिट्टी में फेंकें, बजाए कहीं इधर-उधर डालने के कचरे में बाती फेंकना सारे शुभ प्रभाव को खत्म कर देता है।
दीपक जलाते समय बोले ये मंत्र
*दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:।*
*दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।।*
*शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।*
*शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति।।*
👉दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है।
👉ध्यान रहे कि दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दुख बढ़ता है।
👉दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धन लाभ होता है।
👉दीपक की लौ कभी भी दक्षिण दिशा की ओर न रखें, ऐसा करने से जन या धनहानि होती है।
दीपक ज्ञान और रोशनी का प्रतीक है। पूजा में दीपक का विशेष महत्व है।
आमतौर पर विषम संख्या में दीप प्रज्जवलित करने की परंपरा चली आ रही है।
दरअसल, दीपक जलाने का कारण यह है कि हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश के लिए पुरुषार्थ करें।
हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार पूजा के समय दीपक लगाना अनिवार्य माना गया है। आरती कर घी का दीपक लगाने से घर में सुख समृद्धि आती है।
इससे घर में लक्ष्मी का स्थाई रूप से निवास होता है। साथ ही, हमारे शास्त्रों के अनुसार पूजन में पंचामृत का बहुत महत्व माना गया है और घी उन्हीं पंचामृत में से एक माना गया है।
🌷🌻🌷🌻🌷🌻
जय भगवान
शास्त्रीजी मयुर भाई जानी भावनगर
9510713838
*दीपक प्रज्जवलन के नियम*
👉 हिंदू शास्त्रों में पूजा-पाठ के दौरान जिन कुछ चीजों का महत्व है, उन्हीं में से एक है पूजा के दौरान दिया जलाना।
पूजा करते हुए दीपक जलाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. हालांकि मान्यता ये भी है कि दिया सही वक्त पर और सही तरीके से ही जलाया जाना चाहिए तभी भगवान का आशीर्वाद मिलता है.
हम आपको बता रहे हैं कि दीपक जलाने के दौरान किन बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।
👉दीपक जलाना महत्वपूर्ण है क्योंकि इस विधि के साथ ही किसी भी पूजा का अंत माना जाता है जैसे फल-फूल चढ़ाना, स्नान-ध्यान पूजा का हिस्सा है, वैसे ही इसका भी अलग महत्व है
माना जाता है कि भगवान के सामने रौशनी करना खुद के जीवन से अंधकार को दूर करना है
👉दिया जलाने के लिए वैसे तो घी के दीपक को अच्छा माना जाता है लेकिन अलग-अलग अवसरों पर अलग-अलग तेल और अलग तरह की बाती लगती है
👉 जैसे शनिवार को घी की बजाए सरसों तेल से दीपक जलाना चाहिए
*हमेशा कोशिश करें कि दो बातियों को आपस में गूंथकर ही दिया लगाया जाए।*
👉 *एक बाती वाला दिया तभी शुभ माना जाता है जब वो फूलबाती हो यानी बीच में हो दो बातियों वाला दीपक पूजा को संपूर्ण करता है।*
👉जो दीपक आप जलाने जा रहे हों, वो कभी भी खंडित यानी टूटा-फूटा नहीं होना चाहिए खंडित दिया जलाने से दिया न जलाना बेहतर है
इससे पूजा का सारा पुण्य चला जाता है।
👉 दिया जलाएं तो उसमें अच्छी तरह से घी या तेल डाल दें बाती को भी थोड़ा ऊपर की ओर खींच दें ।
इससे दिया तेल के पूरा खत्म होने तक जलता रहेगा दीपक का बीच में बुझना शुभ नहीं माना जाता। खासकर पूजा के बीच में।
👉 बुझ चुके दिये की बाती को मिट्टी में फेंकें, बजाए कहीं इधर-उधर डालने के कचरे में बाती फेंकना सारे शुभ प्रभाव को खत्म कर देता है।
दीपक जलाते समय बोले ये मंत्र
*दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:।*
*दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।।*
*शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।*
*शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति।।*
👉दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है।
👉ध्यान रहे कि दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दुख बढ़ता है।
👉दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धन लाभ होता है।
👉दीपक की लौ कभी भी दक्षिण दिशा की ओर न रखें, ऐसा करने से जन या धनहानि होती है।
दीपक ज्ञान और रोशनी का प्रतीक है। पूजा में दीपक का विशेष महत्व है।
आमतौर पर विषम संख्या में दीप प्रज्जवलित करने की परंपरा चली आ रही है।
दरअसल, दीपक जलाने का कारण यह है कि हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश के लिए पुरुषार्थ करें।
हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार पूजा के समय दीपक लगाना अनिवार्य माना गया है। आरती कर घी का दीपक लगाने से घर में सुख समृद्धि आती है।
इससे घर में लक्ष्मी का स्थाई रूप से निवास होता है। साथ ही, हमारे शास्त्रों के अनुसार पूजन में पंचामृत का बहुत महत्व माना गया है और घी उन्हीं पंचामृत में से एक माना गया है।
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जय भगवान
शास्त्रीजी मयुर भाई जानी भावनगर
9510713838
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