चैत्री नवरात्रि २०२५

હર મહાદેવ *वासन्तिक नवरात्र* *भगवती दुर्गा के नाम* 1-दुर्गा --- दुर्ग+आ, ‘दुर्ग’ शब्द दैत्य, महाविघ्न, भवबन्धन, कर्म, शोक, दुःख, नरक, यमदण्ड, जन्म, महान भय तथा अत्यन्त रोग के अर्थ में आता है तथा ‘आ’ शब्द ‘हन्ता’ का वाचक है, जो देवी इन दैत्य और महाविघ्न आदि का हनन करती है, उसे ‘दुर्गा’ कहा गया है। 2-नारायणी --- यह दुर्गा यश, तेज, रूप और गुणों में नारायण के समान है तथा नारायण की ही शक्ति है। इसलिये ‘नारायणी’ कही गयी है। 3-ईशाना --- ईशान+आ, ‘ईशान’ शब्द सम्पूर्ण सिद्धियों के अर्थ में प्रयुक्त होता है और ‘आ’ शब्द दाता का वाचक है, जो सम्पूर्ण सिद्धियों को देने वाली है, वह देवी ‘ईशाना’ कही गयी है। 4-विष्णु माया --- पूर्वकाल में सृष्टि के समय परमात्मा विष्णु ने माया की सृष्टि की थी और अपनी उस माया द्वारा सम्पूर्ण विश्व को मोहित किया। वह मायादेवी विष्णु की ही शक्ति है, इसलिये ‘विष्णुमाया’ कही गयी है। 5- ‘शिवा’ --- शिव+आ, ‘शिव’ शब्द शिव एवं कल्याण अर्थ में प्रयुक्त होता है तथा ‘आ’ शब्द प्रिय और दाता-अर्थ में, वह देवी कल्याण स्वरूपा है, शिवदायिनी है और शिवप्रिया...