।। ज्योतिष चिन्तन ।।
⭕ *ज्योतिष चिंतनम्* ⭕ *पंचक के प्रकार व प्रभाव :* पंचक पांच प्रकार के होते हैं : रोग पंचक, राज पंचक, अग्नि पंचक, मृत्यु पंचक और चोर पंचक। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि किस पंचक में क्या होगा। इसमें मृत्यु पंचक ही मृत्यु से संबंधित होता है। शास्त्र-कथन है- 'धनिष्ठ-पंचकं ग्रामे शद्भिषा-कुलपंचकम्। पूर्वाभाद्रपदा-रथ्याः चोत्तरा गृहपंचकम्। रेवती ग्रामबाह्यं च एतत् पंचक-लक्षणम्।।' धनिष्ठा से रेवती पर्यंत इन पांचों नक्षत्रों की क्रमशः पांच श्रेणियां हैं- ग्रामपंचक, कुलपंचक, रथ्यापंचक, गृहपंचक एवं ग्रामबाह्य पंचक। ऐसी मान्यता है कि यदि धनिष्ठा में जन्म-मरण हो, तो उस गांव-नगर में पांच और जन्म-मरण होता है। शतभिषा में हो तो उसी कुल में, पूर्वा में हो तो उसी मुहल्ले-टोले में, उत्तरा में हो तो उसी घर में और रेवती में हो तो दूसरे गांव-नगर में पांच बच्चों का जन्म एवं पांच लोगों की मृत्यु संभव है। इसका विधान अंत्येष्टि कर्म से सम्बंधित ग्रंथो में दिया गया है। पंचक में दक्षिण दिशाकी यात्राकरना, मकान की छत डलवाना, इंधन हेतु ...