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भगवान विष्णु के तीन नाम, करते हैं रोगों का नाश!*

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હર મહાદેવ *भगवान विष्णु के तीन नाम, करते हैं रोगों का नाश!* सभी रसायन हम करी नहीं नाम सम कोय। रंचक घट मैं संचरै, सब तन कंचन होय।। सारा संसार आधिदैविक, आधिभौतिक और आध्यात्मिक रोगों से ग्रस्त है। कभी-कभी सभी प्रकार की दवाएं कर लेने पर भी रोग मिटता नहीं, डॉक्टर भी रोग को पहचान नहीं पाते हैं। ऐसी स्थिति में भगवान का नाम-जप ही वह रसायन (औषधि) है जो मनुष्य के शारीरिक व मानसिक रोगों का नाश कर काया को कंचन की तरह बना देता है। जैसे भगवान में अनन्त चमत्कार हैं, अनन्त शक्तियां हैं; वैसे ही अनन्त शक्तियों से भरे उनके नाम जादू की पिटारी हैं जो लौकिक रोगों की तो बात ही क्या, भयंकर भवरोग को भी मिटा देते हैं। भगवान धन्वन्तरि समुद्र-मंथन से प्रकट हुए। उन्होंने देवताओं व ऋषियों को औषधि, रोग-निदान और उपचार आदि के बारे में बताया। सभी रोगों पर समान और सफल रूप से कार्य करने वाली महौषधि (सबसे बड़ी दवा) के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा– अच्युतानन्तगोविन्द नामोच्चारण भेषजात्। नश्यन्ति सकला रोगा: सत्यं सत्यं वदाम्यहम्।। अर्थात्–‘अच्युत, अनन्त, गोविन्द–इन नामों के उच्चारणरूपी औषधि से समस्त रोग दूर हो जाते हैं,...

વૈકુંઠ ચતુર્દશી sbvlog

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હર મહાદેવ જયભગવાન જય શ્રી કૃષ્ણ  वैकुंठ चतुर्दशी  उपवासं दिवा कुर्यात्सायंकाले तवा(शिवा)र्चनम् ॥ पश्चान्ममा(विष्ण्व)र्चनं कार्यमन्यथा निष्फलं भवेत् ॥१॥  ग्राह्या तु हरिपूजायां रात्रिव्याप्ता चतुर्दशी अरुणोदय-वेळायां शिवपूजां समाचरेत् ॥२॥तस्मात्सर्वप्रयत्नेन पूज्या हरिहरावुभौ । प्राप्त कलियुगे घोरे शौचाचारविवर्जिते ॥३॥सहस्रकमलैः कृष्णः कृतवान् शिवपूजनम् । एकन्यूने नेत्रपद्म समर्याप्तं सुदर्शनम् ॥४॥ मनुष्य को दिन में उपवास करना चाहिए और सायंकाल में आपकी (शिव की) पूजा करनी चाहिए। तत्पश्चात मेरी (विष्णु की) पूजा करनी चाहिए, अन्यथा वह व्यर्थ होगी।  रात्रि को व्याप्त (निशीथ कालीन)  चतुर्दशी के दिन हरि की पूजा के लिए स्वीकार्य है। अरुणोदय के समय (सूर्योदय से ७२ मिनट पहले) भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इसलिए हरि और हर दोनों की पूजा पूरे प्रयास से करनी चाहिए।  हम इस घोर कलियुग में पहुँच गए हैं, जो पवित्रता और नैतिकता से रहित है। कृष्ण ने एक हजार कमलों से भगवान शिव की पूजा की। एक कमल कम होने के कारण भगवान ने अपना नेत्र कमल अर्पित कर दिया जिससे सुदर्शन चक्र की प्राप्त...

daily પંચાંગ dt ૦૪/૧૦/૨૫

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‎ Follow the Shastriji Official channel on WhatsApp:   https://whatsapp.com/channel/0029VaA1O7JA2pLLYLxTLf1j હર મહાદેવ આજનું પંચાંગ  તારીખ ૦૪-૧૦-૨૦૨૫ શનિવાર  જય ભગવાન જય શ્રી કૃષ્ણ  ‎*🌞 🚩 । l ॐ l ।  🚩 🌞* 🕉 ।। *श्री गणेशाय नमः* ।। 🕉   *सुप्रभातम् स्नेह वंदनम्*    🌐 *आज का पंचांग* 🌐  ⛳ *तिथि*……( १२ ) द्वादशी ⛳️ 🙏 शनिप्रदोष 🙏 🌼 पंचक 🌼 0️⃣4️⃣-1️⃣0️⃣-2⃣0⃣2️⃣5️⃣ 🔔 *वार*……..शनिवार 🔔 🦚 *नक्षत्र*…..धनिष्ठा 🦚 🪔 *योग*……..शूल 🪔 ✳️*करण*…….कौलव ✳️ 🌅 *सूर्योदय* :-०६ः३३ 🌅 🌌 *सूर्यास्त*  :-०६ः२३ 🌌 🌓 *पक्ष*....………शुक्ल 🌓 🌝 *चन्द्र राशि*….कुम्भ 🌝 ⏺️ *ऋतु*.......…..शरद ⏺️ 🍀 *अयन*………दक्षिण 🍀 🪷 *मास*.……….आश्विन 🪷 🌻*कलियुगाब्द*….५१२७🌻 🌎 *विक्रम संवत्*.....२०८१ 🌎 ⭐️ *शक संवत्*...... १९४७ ⭐️ 🪻अभिजीत …..मध्याह्न १२ः०९ से १२ः४८ तक 🪻 🌚 राहुकाल …..प्रातः ०९ः३१ से १०ः५८ तक 🌚 💐*।। आपका दिन मंगलमय हो ।।* 💐 🙏 🌹 *जय श्री कृष्ण* 🌹🙏 અમારી whatsup ચેનલ માં જોડાવા આ લિન્ક પર ક્લિક કરો  ‎Follow the Shastriji Official channel ...

Aajnu panchang

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હર મહાદેવ આજનું પંચાંગ  તારીખ 3!10!2025 *🌞 🚩 । l ॐ l । 🚩 🌞* 🕉 ।। *श्री गणेशाय नमः* ।। 🕉  *सुप्रभातम् स्नेह वंदनम्*   🌐 *आज का पंचांग* 🌐  ⛳ *तिथि*……( ११ ) एकादशी ⛳️ 🙏 पाशांकुशा एकादशी ( टेटी - ख़रबूज़ा ) 🙏 💐 भरत मिलाप 💐 🌸 भद्रा प्रातः ०६ः५९ से सायं ०६ः३४ तक 🌸 🌼 पंचक प्रारंभ रात्रि ०९ः२८ से 🌼 0️⃣3️⃣-1️⃣0️⃣-2⃣0⃣2️⃣5️⃣ 🔔 *वार*……..शुक्रवार 🔔 🦚 *नक्षत्र*…..श्रवण 🦚 🪔 *योग*……..धृति 🪔 ✳️*करण*…….वणिज ✳️ 🌅 *सूर्योदय* :-०६ः३२ 🌅 🌌 *सूर्यास्त* :-०६ः२४ 🌌 🌓 *पक्ष*....………शुक्ल 🌓 🌝 *चन्द्र राशि*….मकर / रात्रि ०९ः२८ से कुम्भ 🌝 ⏺️ *ऋतु*.......…..शरद ⏺️ 🍀 *अयन*………दक्षिण 🍀 🪷 *मास*.……….आश्विन 🪷 🌻*कलियुगाब्द*….५१२७🌻 🌎 *विक्रम संवत्*.....२०८१ 🌎 ⭐️ *शक संवत्*...... १९४७ ⭐️ 🪻अभिजीत …..मध्याह्न १२ः०८ से १२ः२६ तक 🪻 🌚 राहुकाल …..प्रातः १०ः५९ से १२ः२७ तक 🌚 💐*।। आपका दिन मंगलमय हो ।।* 💐 🌺🌺 कल ०४-१०-२५ शनिवार 🌺🌺   🙏 शनिप्रदोष 🙏    🌄શાસ્ત્રીજી ભાવનગર 🌄  🙏 🌹 *जय श्री कृष्ण* 🌹🙏

આજનું પંચાંગ ૨/૧૦/૨૦૨૫ ગુરુવાર

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 આજનું પંચાંગ ગુરુવાર  *🌞 🚩 । l ॐ l ।  🚩 🌞* 🕉 ।। *श्री गणेशाय नमः* ।। 🕉   *सुप्रभातम् स्नेह वंदनम्*    🌐 *आज का पंचांग* 🌐  ⛳ *तिथि*……( १० ) दशमी ⛳️ 🙏 दशहरा 🙏 🌺 विजयदशमी 🌺 💐 विजयमूहुर्त दोपहर ०२ः२७ से ०३ः१५ तक 💐 🍀 आयुध पूजा 🍀 🙏 सरस्वती विसर्जन प्रातः ०९ः१४ के बाद 🙏 🌸 बुद्ध जयंती 🌸 🇮🇳 लालबहादुर शास्त्री जयंती 🇮🇳 🪻 श्रीमाधवाचार्य जयंती 🪻 🌼 बुध तुलामें २७ः४५ से 🌼 0️⃣2️⃣-1️⃣0️⃣-2⃣0⃣2️⃣5️⃣ 🔔 *वार*……..गुरुवार 🔔 🦚 *नक्षत्र*…..उत्तराषाढा 🦚 🪔 *योग*……..सुकर्मा 🪔 ✳️*करण*…….तैतिल ✳️ 🌅 *सूर्योदय* :-०६ः३२ 🌅 🌌 *सूर्यास्त*  :-०६ः२५ 🌌 🌓 *पक्ष*....………शुक्ल 🌓 🌝 *चन्द्र राशि*….मकर 🌝 ⏺️ *ऋतु*.......…..शरद ⏺️ 🍀 *अयन*………दक्षिण 🍀 🪷 *मास*.……….आश्विन 🪷 🌻*कलियुगाब्द*….५१२७🌻 🌎 *विक्रम संवत्*.....२०८१ 🌎 ⭐️ *शक संवत्*...... १९४७ ⭐️ 🪻अभिजीत …..मध्याह्न १२ः०८ से १२ः४८ तक 🪻 🌚 राहुकाल …..दोपहर ०१ः५८ से ०३ः२७ तक 🌚 💐*।। आपका दिन मंगलमय हो ।।* 💐 🌺🌺 कल ०३-१०-२५ शुक्रवार 🌺🌺   🌼 पाशांकुशा एकादशी ( टेटी - ख़रबूज़ा ) 🌼...

વ્રત માં ભોજન શું કરવું

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  *व्रत में भोजन?* 〰🌼🌼〰 https://whatsapp.com/channel/0029VaA1O7JA2pLLYLxTLf1j (नवरात्री के व्रत में खाए जाने वाली चीज़े और इनके फायदे) 1 - पपीता - व्रत के दौरान इससे पेट साफ होता है , और रोग प्रति रोधक श्रमता बढ़ती है। 2 - मौसमी - व्रत के इस मौसम में संक्रमण रोग हावी रहते है ऐसे में विटामिन - सी  से भरपूर मौसमी सक्रमण से बचाती है। 3 - केला - यह एनर्जी बूस्टर का काम करता है और व्रत की थकान होने से बचाता है। 4 - सिंघाड़ा - इसे खाने से आलस व् अकड़न दूर होती है और हड्डियो को केल्सियम मिलता है।  5 - छाछ - पानी की कमी नही होने देता। 6- आलू - उभला या भुना आलू पोटेशियम का प्रभावी स्त्रोत है शरीर में श्ररो की मात्रा बढ़ाने या बराबर रखने में मददगार होता है आलू शरीर में एसिडिटी भी नहीं होने देता है, जो लोग ब्लड प्रेशर या केंसर से ग्रसित है उनके लिए यह फायदे मंद है, आलू में सोडा , पोटाश , और विटामिनA और D भी होता है आलू का सबसे पोस्टिक तत्व विटामीन C होता है। 7- साबुन दाना -  साबुन दाना शरीर में जमा अतिरिक्त पानी को निकलने का काम करता है यह किडनी की सफाई का भी काम करता है। 8 -...

पाँच कन्या रहस्य जानिए ।

*हिन्दू पुराणों में पंचकन्याओं का रहस्य?* 〰〰🌼〰〰🌼〰〰 🌼〰〰 पंचकन्या वे पाँच कन्याएँ हैं, जिनका भारत के हिन्दू सम्प्रदाय और धर्मग्रंथों में विशिष्ट स्थान है। पुराणों के अनुसार ये पाँच कन्याएँ विवाहित होते हुए भी पूजा के योग्य मानी गई हैं। अहल्या द्रौपदी तारा कुंती मंदोदरी तथा।  पंचकन्या: स्मरेतन्नित्यं महापातकनाशम्॥ हिन्दू धर्म से जुड़ी पौराणिक कथाओं में ज्यादातर प्रसिद्ध पात्र पुरुषों के ही हैं। पुरुषों को ही महायोद्धा, अवतार आदि का दर्जा दिया गया और उन्हीं से जुड़े चमत्कारों का भी वर्णन हुआ। लेकिन उनके जीवन से जुड़ी महिलाएं, जिनके बिना उनका अपने उद्देश्यों को प्राप्त करना तक मुश्किल था, उन्हें मात्र एक भूमिका में लाकर छोड़ दिया गया। यही वजह है कि मंदोदरी को असुर सम्राट रावण की अर्धांगिनी के तौर तारा को वाली की पत्नी के तौर पर, अहिल्या को गौतम ऋषि की पत्नी के रूप में, कुंती और द्रौपदी को पांडवों की माता और पत्नी के रूप में ही जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इन पांचों स्त्रियों को पंचकन्याओं का दर्जा दिया गया है। जिस स्वरूप में हम अपने पौराणिक इतिहास को देखते हैं, उसे विशिष्ट स्वरूप को...