Saturday, 29 December 2018 ।। श्री सूर्य साधना सूर्यमण्डलाष्टकम् ।। अथ सूर्यमण्डलाष्टकम् । नमः सवित्रे जगदेकचक्षुषे जगत्प्रसूती स्थितिनाशहेतवे । त्रयीमयाय त्रिगुणात्मधारिणे विरञ्चि नारायण शङ्करात्मन् ॥ १॥ यन्मण्डलं दीप्तिकरं विशालं रत्नप्रभं तीव्रमनादिरूपम् । दारिद्र्यदुःखक्षयकारणं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥ २॥ यन्मण्डलं देव गणैः सुपूजितं विप्रैः स्तुतं भावनमुक्ति कोविदम् । तं देवदेवं प्रणमामि सूर्यं पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥ ३॥ यन्मण्डलं ज्ञानघनं त्वगम्यं त्रैलोक्यपूज्यं त्रिगुणात्मरूपम् । समस्त तेजोमय दिव्यरूपं पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥ ४॥ यन्मण्डलं गूढमतिप्रबोधं धर्मस्य वृद्धिं कुरुते जनानाम् । यत्सर्व पापक्षयकारणं च पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥ ५॥ यन्मण्डलं व्याधिविनाशदक्षं यदृग्यजुः सामसु सम्प्रगीतम् । प्रकाशितं येन भूर्भुवः स्वः पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥ ६॥ यन्मण्डलं वेदविदो वदन्ति गायन्ति यच्चारण सिद्धसङ्घाः । यद्योगिनो योगजुषां च सङ्घाः पुनातु मां तत्सवितुर्वरेण्यम् ॥ ७॥ यन्मण्डलं सर्वजनेषु पूजितं ज्योतिश्चकुर...
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શાસ્ત્રીજી ભાવનગર ગ્રહો
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*ग्रहों का शरीर पर प्रभाव और होने वाले रोग****** *नवग्रहों के प्रकोप से अापको होती हैं गंभीर बीमारियां..... *कई बार अाप बीमार पड़ते हैं और लगातार इलाज के बाद भी बीमारी ठीक नहीं होती है तो कई बार अापकी बीमारी डॉक्टर की समझ से भी बाहर होती है। *यह सब ग्रहों के प्रकोप के कारण होता है। *प्रत्येक ग्रह का हमारी धरती और हमारे शरीर सहित मन- मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है, जिसके चलते हमें सामान्य या गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। *सतर्क रहकर हम कई सारी बीमारियों से बच सकते हैं। *यहां अाप विभिन्न ग्रहों के प्रभाव से होने वाली बिमारियों के बारे में जान सकते हैं * सूर्य ***** * दिमाग समेत शरीर का दायां भाग सूर्य से प्रभावित होता है। *सूर्य के अशुभ होने पर शरीर में अकड़न आ जाती है। * मुंह में थूक बना रहता है। * व्यक्ति अपना विवेक खो बैठता है। * दिल का रोग हो जाता है। * मुंह और दांतों में तकलीफ होती है। * सिरदर्द बना रहता है। *सूर्य ग्रह की पीड़ा के निवारण के लिए....... *इलाइची, केसर एवं गुलहठी, ...
બુધ વાર જય ભગવાન
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💐 *જય ભગવાન* 💐 આજે બુધવાર અને આશ્લેષા નક્ષત્ર હોવાથી રાહુના કારણે ઉત્પન્ન થતા દોષ નીવારણ માટે ઉત્તમ સમય છે ચાંડાલદોષ, ગ્રહણદોષ, અંગારકદોષ, કાલસર્પ અથવા શ્રાપીતદોષ હોય તેમણે એકશ્રીફળ ઉતારી શીવમંદીરમાં મુકવુ અને શીવજીને પંચામૃતથી અભીષેક કરવો નાગની મુર્તી લાવી તેની પુજા કરી સાત વખત ઉતારી નદીમાં પધરાવવી બ્રાહ્મણને તીલક કરી અન્નદાન અને ખાસ કાળાતલનુ દાન કરવુ સફાઈકામદારને ભોજન કરાવવુ અથવા ચવાણુ દાનમાં આપવુ શક્તી અનુસાર કરવુ અસ્તુ Copy paste 🖋 *શાસ્ત્રીજી મયુર ભાઈ જાની* 🙏🏻 🌻 *ભાવનગર* 🌹
13/12/2018 शुभ रात्रि
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🌸🕉 *जय भगवान* 🕉🌸 🌹🍁 *जय गुरुदेव* 🍁🌹 *_📚📚मनु स्मृति📚📚_* *🔥________🙏🏿_______🔥* _इन 15 लोगों के साथ कभी वाद-विवाद नहीं करना चाहिए.....!!_ *श्लोक-* - *_ऋत्विक्पुरोहिताचार्यैर्मातुलातिथिसंश्रितैः।_* *_बालवृद्धातुरैर्वैधैर्ज्ञातिसम्बन्धिबांन्धवैः।।_* *_मातापितृभ्यां यामीभिर्भ्रात्रा पुत्रेण भार्यया।_* *_दुहित्रा दासवर्गेण विवादं न समाचरेत्।।_* अर्थात् 👇👇 - *यज्ञ करने वाले,* *पुरोहित,* *आचार्य,* *अतिथियों,* *माता,* *पिता,* *मामा आदि संबंधियों,* *भाई,* *बहन,* *पुत्र,* *पुत्री,* *पत्नी,* *पुत्रवधू,* *दामाद तथा* *गृह सेवकों यानी नौकरों से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए।* *यज्ञ करने वाला* _यज्ञ करने वाला ब्राह्मण सदैव सम्मान करने योग्य होता है। यदि उससे किसी प्रकार की कोई चूक हो जाए तो भी उसके साथ कभी वाद-विवाद नहीं करना चाहिए। यदि आप ऐसा करेंगे तो इससे आपकी प्रतिष्ठा ही धूमिल होगी। अतः यज्ञ करने वाले वाले ब्राह्मण से वाद-विवाद न करने में ही भलाई है।_ *पुरोहित* _यज्ञ, पूजन आदि धार्मिक कार्यों को संपन्न करने के लिए एक योग्य व विद्वान ब्राह्मण को नियुक्त किया जाता है, जिसे पुरोहित कहा ...
शुभ ज्ञान 9-12-2018
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🌸🌷 *शुभ रात्रि* 🌷🌸 🌹 *jay bhagvan* 🌹 🍁🕉 *नमो नारायणाय* 🍁 💐 *जय श्री कृष्ण* 💐 🦋🚩 • सदगुरु का स्वभाव होमियोपैथी की गोलियों जेसा होता है। पहले गोलियाँ बीमारी को बढ़ाती हैं और बाद में ही बीमारी को नष्ट करती हैं। •• ऐसे ही सदगुरु पहले अहंकार को बढ़ने देगा और बाद में जिस प्रकार से एक बलून (गुब्बारा) में अधिक हवा भरने पर वह फुट जाता है, वैसे ही अधिक अहंकार होने पर अहंकार का बलून सदगुरु फोड़ देता है। और अहंकार का बलून फुट जाने के बाद ही सदगुरु का आत्मज्ञान कराने का कार्य प्रारंभ होता है। •• धीरे-धीरे शिष्य का अहंकार नष्ट होने लग जाता है और धीरे-धीरे सदगुरु की सदभावना का अमृत उसमें आने लग जाता है। •• सदभवनायुक्त रहना सद्गुरु का स्थायी स्वभाव है। वह उसके आत्मा का स्वभाव है। उसका शरीर बुरा करना भी चाहे, सदगुरु से बुरा हो ही नहीं सकता है। •• सदगुरु इसी पवित्र भाव के कारण ही आध्यात्मिक प्रगति करता है। और यही भाव शिष्य में आना प्रारंभ होता है तो शिष्य की भी आद्यात्मिक प्रगति होने लग जाती है। 🌹जय भगवान जय गुरुदेव जय श्री कृष्ण🌹 🦋 हि. का...
Lagn vidhi
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💑💑 *લગ્ન વિધી ... લગ્ન વિધી* 💑💑 ✍... લગ્નની મોસમ પૂરબહારમાં ખીલી છે. આવા સમયે લગ્નમાં થતી વિધિ બધા જ જોતા હોય છે. પણ આજના ઝડપી યુગમાં કઈ વિધિનું શું મહત્વ છે તે સમજવું જોઈએ. આ લેખ દ્વારા લગ્નની વિવિધ વિધિઓ પર પ્રકાશ પાડ્યો છે. લગ્ન પ્રસંગે થતી વિવિધ વિધિઓ આપણે નિહાળીયે છીએ પણ તે બધાનો શું અર્થ હોય છે તે જાણવું ૫ણ જરૂરી છે. વરરાજા જ્યારે પરણવા આવે ત્યારે તેમને પોંખવામાં આવે છે. આ વખતે લાકડાના બનાવેલો નાનો રવઈયો, મુશળ ધુંસરી, તરાક વરરાજાના માથેથી ઉતારે છે અને પગથી કોડિયું ભંગાવી પ્રવેશ કરાવે છે આનો શું હેતુ છે ? શું રહસ્ય છે ? તેમજ બીજી વિધિઓનો શું અર્થ હોય છે ? તે વિશે વિચાર કરીએ. *લગ્ન* : બે વિજાતીય દેહનું જોડાણ તેનું નામ લગ્ન પણ તેનો ખરો અર્થ તો એવો છે કે બે દેહ દ્વારા બે મન એક કરવા, એનાથી પ્રેમ પ્રગટે, આત્મીયતા વધે અને અંદરના આંતરિક સૌંદર્યને જોઈ સુખનો અનુભવ થાય એ જ ખરું લગ્ન છે. *વરઘોડો* : ઈન્દ્રિયોના ઘોડાને અંકુશમાં રાખવા માટેની ચેતવણીનું આ પ્રથમ પગલું છે. *પોંખણું :* વરરાજા પરણવા આવે ત્યારે તેમને લાકડાના બનાવેલા નાના રવઈયો, મુશળ, ધુંસરી અને ...