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Showing posts from 2025

panchang dt२९/०६/२५

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હર મહાદેવ *🌞 🚩 । l ॐ l ।  🚩 🌞* 🕉 ।। *श्री गणेशाय नमः* ।। 🕉   *सुप्रभातम् स्नेह वंदनम्*    🌐 *आज का पंचांग* 🌐  ⛳ *तिथि*……( ०४ ) चतुर्थी ⛳️ 🍁 भद्रा समाप्त प्रात: ०९ः१५ 🍁 💎 शुक्र वृषभ में दोपहर ०२ः१० से 💎 2️⃣9️⃣-0️⃣6️⃣-2⃣0⃣2️⃣5️⃣ 🔔 *वार*……..रविवार 🔔 🦚 *नक्षत्र*……आश्लेषा 🦚 🪔 *योग*……..वज्र 🪔 ✳️ *करण*…..बव ✳️ 🌅 *सूर्योदय* :-०५ः५९ 🌅 🌌 *सूर्यास्त*  :-०७ः२७🌌 🌓 *पक्ष*....………शुक्ल 🌓 🌝 *चन्द्र राशि*….कर्क / प्रातः ०६ः३६ से सिंह 🌝 ⏺️ *ऋतु*.......…..वर्षा ⏺️ 🍀 *अयन*…………दक्षिण🍀 🪷 *मास*.………आषाढ़ 🪷 🌻*कलियुगाब्द*….५१२५🌻 🌎 *विक्रम संवत्*.....२०८१🌎 ⭐️ *शक संवत्*...... १९४७ ⭐️ 🌹 *अभिजीत ….मध्याह्न १२ः२१ से ०१ः०५ तक 🌹 🌚 राहुकाल …….सायं ०५ः४८ से ०७ः२७ तक 🌚 💐*।। आपका दिन मंगलमय हो ।।* 💐 🪷*shashtriji bhavnagar* 🪷 🙏 ● *जय श्री कृष्ण* ●🙏

रथयात्रा जगन्नाथपुरी

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હર મહાદેવ रथ यात्रा सारांश-प्रायः २०,००० वर्षों से श्री जगन्नाथ कई रथ यात्रा का आयोजन हो रहा है, तत्त्व रूप में अनादि और अनन्त है। यह ब्रह्म के स्रष्टा रूप की प्रतिमा है जिसे अव्यय या यज्ञ पुरुष कहते हैं। इसके आधिदैविक (आकाश में), आधिभौतिक (पृथ्वी पर) तथा आध्यात्मिक (शरीर के भीतर) भिन्न-भिन्न अर्थ हैं। मनुष्य शरीर या विश्व की कोई स्थिर रचना पुर है, जिसका निवासी पुरुष है। पुर का गतिशील रूप रथ है जिसका सञ्चालक वामन या सूक्ष्म ईश्वर है। १. रथ और पुर-पुर का लौकिक अर्थ नगर है। वेद में इसके अर्थ की वृद्धि कर इसका अर्थ अनुष्य शरीर या विश्व की कोई भी रचना है, जो सीमाबद्ध है।  अष्टाचक्रा नवद्वारा देवानां पूरयोध्या (अथर्व, १०/२/३१) अष्टाचक्रं वर्तते एक नेमि (अथर्व,११/४/२२) नवद्वारे पुरे देही हंसो लेलायते बहिः। वशी सर्वस्य लोकस्य स्थावरस्य चरस्य च॥ (श्वेताश्वतर उपनिषद्, ३/१८) एकचक्रं वर्तते एकनेमि (अथर्व, १०/८/७) शरीर रूपी पुर में ८ चक्र तथा ९ द्वार हैं, हंस रूप आत्मा इस शरीर में है तथा बाहर भी स्थावर-जंगम को चला रहा है। पूरे विश्व को चलाने वाले को एक ही पुरुष मानें तो एक ही नेमि या नियन्त्रक...

व्यतिपात योग कब हे? जानिए क्या करे और क्या नहीं

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હર મહાદેવ   व्यतिपात योग    (भारत) के लिए जून 2025 में व्यतिपात योग की तिथि एवं समय इस तरह है: ३० जून 2025 में व्यतिपात योग  (गुजरात समयानुसार) शुरुआत तारीख समय समाप्ति तारीख समय 4 जून 2025 रात्रि 10:44 बजे 5 जून 2025 रात्रि 11:43 बजे 30 जून 2025 प्रातः 06:51 बजे 1 जुलाई 2025 प्रातः 06:49 बजे शामिल काल ग्रहण संस्करणों जैसे ड्रिकपंचांग में ये समयांक भारत समयानुसार ही होते हैं  । 🔴 इस समय क्या करें: नए शुभ कार्य टालें: विवाह, गृहप्रवेश, नया व्यापार, नामकरण आदि समय के लिए उपयुक्त नहीं। धार्मिक साधनाएँ करें: जप, ध्यान, प्रत्यक्ष ध्यान और दान कार्य करना शुभ मना जाता है ()। मंत्र जाप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ नमः शिवाय” के जाप से विषम ऊर्जा शमन होती है ()। ✅ सुझाव: 4–5 जून की रात्रि में योग का लाभ उठाएँ — यह समय आध्यात्मिक साधना के लिए उपयुक्त है। 30 जून–1 जुलाई की सुबह भी विशेष ध्यान व साधना हेतु उत्तम अवधि होगी। इन समयों में दान-पुण्य, पूजा, जप करना शुभ रहेगा। व्यतिपात योग ज्योतिष ...

હનુમાન વડવાનલ સ્તોત્ર

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હર મહાદેવ  जय  हनुमान  જય ભગવાન  ।। विभीषणकृतं वडवानलहनुमत्स्तोत्रम् ।। (વિપત્તિ-નિવારણ માટે) सङ्कल्पः- ॐ अस्य श्रीहनुमद्-वडवानलस्तोत्र मन्त्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषिः।। श्रीवडवानलहनुमान् देवता ।। मम समस्तरोग प्रशमनार्थम् आयुरारोग्यैश्वर्याभि वृद्धयर्थ समस्त पापक्षयार्थ सीतारामचन्द्रप्रीत्यर्थं च हनुमद्वडवानलस्तोत्रजपमहं करिष्ये ।  ध्यानम्- मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम् ।  वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये ॥ । ॐ श्री राम रामाय नमः ।१।। ॐ ह्रां ह्रीं ।। ॐ नमो भगवते श्रीमहाहनुमते प्रकटपराक्रमसकलदिङ्मण्डल यशोवितान धवलीकृत-जगत्त्रितय वज्रदेह रुद्रावतार लङ्कापुरीदहन उमा अमलमन्त्र उदधिबन्धन दशशिरः कृत्तान्तक सीताश्वसन वायुपुत्र अञ्जनीगर्भसम्भूत श्रीरामलक्ष्मणानन्दकर कपिसैन्यप्राकार सुग्रीवसाह्य रण पर्वतोत्पाटन कुमारब्रह्मचारिन् गंभीरनाद सर्वपापग्रहवारण सर्वज्वरोच्चाटन डाकिनीविध्वंसन ।२।। ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महावीरवीराय सर्वदुः खनिवारणाय ग्रहमण्डल-सर्वभूतमण्ड लसर्वपिशाचमण्डलोच्चाटन भूतज्वर-प्रेतज्वर  एकाहिकज्वर द्वय...

Bhairav ભૈરવ भैरव अष्टकम स्तोत्रम sbstotram

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હર મહાદેવ jay bhairav nath   Spritual -ashtakam -bhairav· mantra ·  काल भैरव अष्टक ( कालभैरवाष्टकम् )- Kaal Bhairav Ashtakam in Sanskrit भगवान भैरव शिव के स्वरूप हैं। वे कलियुग की बाधाओं का शीघ्र निवारण करने वाले देवता माने जाते हैं। खासतौर से प्रेत व तांत्रिक बाधा के दोष उनके पूजन से दूर हो जाते हैं। संतान की दीर्घायु हो या गृहस्वामी का स्वास्थ्य, भगवान भैरव स्मरण और पूजन मात्र से उनके कष्टों को दूर कर देते हैं।भगवान भैरव के पूजन से राहु-केतु शांत हो जाते हैं। उनके पूजन में भैरव अष्टक और भैरव कवच का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे शीघ्र फल मिलता है। साथ ही तांत्रिक व प्रेत बाधा का संकट टल जाता है। काल भैरव अष्टकं देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम् । नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ १॥ भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् । कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ २॥ शूलटंकपाशदण्डपाणिमादिकारणं श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम् । भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं काशिकापुराधि...

Panchang darshan by sbofficial 22!05!2025

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હર મહાદેવ एकः क्षमावतां दोषो द्वितीयो नोपपद्यते ।  यदेनं क्षमया युक्तम् अशक्तं मन्यते जनः ।।                            क्षमाशील मनुष्य को मूर्खजन असमर्थ समझते हैं यह उनकी दृष्टि में क्षमाशील मनुष्यों के प्रति एक दोष की तरह दिखाई देता है, बाकी कोई अन्य दोष क्षमाशील मनुष्यों में नहीं होता।                     🙏प्रातःअभिवादन🙏 *🌞 🚩 । l ॐ l ।  🚩 🌞* 🕉 ।। *श्री गणेशाय नमः* ।। 🕉   *सुप्रभातम् स्नेह वंदनम्*    🌐 *आज का पंचांग* 🌐  ⛳ *तिथि*……( १० ) दशमी ⛳️ 🍁 भारतीय ज्येष्ठ मास आरंभ 🍁 💐 जरथोस्तनो दिशो ( पारसी ) 💐 🌼 भद्रा दोपहर ०२ः२२ से २५ः१३ तक 🌼 🌸 पंचक 🌸 2️⃣2️⃣-0️⃣5️⃣-2⃣0⃣2️⃣5️⃣ 🔔 *वार*………गुरुवार 🔔 🦚 *नक्षत्र*……पूर्वा भाद्रपदा🦚 🪔 *योग*……..विष्कुंभ 🪔 ✳️ *करण*…..वणिज ✳️ 🌅 *सूर्योदय* :-०५ः५८ 🌅 🌌 *सूर्यास्त*  :-०७ः१५ 🌌 🌓 *पक्ष*....………कृष्ण 🌓 🌝 *चन्द्र राशि*…..कुंभ / मध्याह्न १२ः०८ से मीन 🌝 ⏺️ *ऋतु*.......…..ग्रीष्म...