शास्त्रों के अनुसार 14 प्रकार के दुर्गुण जो मृत्यु तुल्य हैं अंगद बोले सिर्फ सांस लेनेवालों को जीवित नहीं कहते - सांस तो लुहार का भाता भी लेता है, तब अंगद ने 14 प्रकार की मृत्यु बतायी l अंगद द्वारा रावण को बताई गई ये बातें आज के दौर में भी लागू होती हैं। यदि किसी व्यक्ति में इन 14 दुर्गुणों में से एक दुर्गुण भी आ जाता है तो वह मृतक समान हो जाता है। विचार करें कहीं यह दुर्गुण हमारे पास तो नहीं....कि हमें मृतक समान माना जाये। *1.कामवश-* जो व्यक्ति अत्यंत भोगी हो, कामवासना में लिप्त रहता हो, जो संसार के भोगों में उलझा हुआ हो, वह मृत समान है। जिसके मन की इच्छाएं कभी खत्म नहीं होती और जो प्राणी सिर्फ अपनी इच्छाओं के अधीन होकर ही जीता है, वह मृत समान है। वह अध्यात्म का सेवन नही करता। सदैव वासना में लिन रहता है। *2.वाम मार्गी-* जो व्यक्ति पूरी दुनिया से उल्टा चले। जो संसार की हर बात के पीछे नकारात्मकता खोजता हो। नियमों, परंपराओं और लोक व्यवहार के खिलाफ चलता हो, वह वाम मार्गी कहलाता है। ऐसे काम करने वाले लोग मृत समान माने गए हैं। *3.कंजूस-* अति कंजूस व्यक्ति भी मरा हुआ होता है। जो ...
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