व्यतिपात योग कब हे? जानिए क्या करे और क्या नहीं
હર મહાદેવ व्यतिपात योग
३० जून 2025 में व्यतिपात योग
(गुजरात समयानुसार)
शुरुआत तारीख |
समय |
समाप्ति तारीख |
समय |
4 जून 2025 |
रात्रि 10:44 बजे |
5 जून 2025 |
रात्रि 11:43 बजे |
30 जून 2025 |
प्रातः 06:51 बजे |
1 जुलाई 2025 |
प्रातः 06:49 बजे |
शामिल काल ग्रहण संस्करणों जैसे ड्रिकपंचांग में ये समयांक भारत समयानुसार ही होते हैं ।
🔴 इस समय क्या करें:
- नए शुभ कार्य टालें: विवाह, गृहप्रवेश, नया व्यापार, नामकरण आदि समय के लिए उपयुक्त नहीं।
- धार्मिक साधनाएँ करें: जप, ध्यान, प्रत्यक्ष ध्यान और दान कार्य करना शुभ मना जाता है ()।
- मंत्र जाप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ नमः शिवाय” के जाप से विषम ऊर्जा शमन होती है ()।
✅ सुझाव:
- 4–5 जून की रात्रि में योग का लाभ उठाएँ — यह समय आध्यात्मिक साधना के लिए उपयुक्त है।
- 30 जून–1 जुलाई की सुबह भी विशेष ध्यान व साधना हेतु उत्तम अवधि होगी।
- इन समयों में दान-पुण्य, पूजा, जप करना शुभ रहेगा।
व्यतिपात योग ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण योग है जिसके बारे में मिली-जुली मान्यताएं हैं। कुछ ज्योतिष इसे अत्यंत शुभ मानते हैं जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए अच्छा होता है, जबकि कुछ इसे अशुभ मानते हैं और इस दौरान किए गए कार्यों में असफलता, विवाद और नकारात्मकता की आशंका बताते हैं।
व्यतिपात योग क्या है?
व्यतिपात योग तब बनता है जब सूर्य और चंद्रमा एक विशेष स्थिति में होते हैं। यह एक खगोलीय घटना है। इसके प्रभाव को लेकर अलग-अलग विचार मिलते हैं।
व्यतिपात योग के प्रभाव
* शुभ प्रभाव: कुछ मान्यताओं के अनुसार, व्यतिपात योग में किए गए धार्मिक अनुष्ठान, दान, जप और तप का फल कई गुना बढ़कर प्राप्त होता है। यह जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति दिलाने वाला और स्वर्ग की प्राप्ति कराने वाला माना जाता है। इस योग में उपवास रखने से भी दोष समाप्त होते हैं, खासकर निर्जला उपवास से लाख गुना अधिक फल मिलता है।
* अशुभ प्रभाव: वहीं, कुछ मान्यताएं इसे अशुभ मानती हैं। इस योग में जन्मे व्यक्ति को जिद्दी, गुस्सैल, चिड़चिड़ा और निर्णय लेने में कंफ्यूज बताया जाता है। इस दौरान किए गए कार्य अधूरे रह सकते हैं, विवाद हो सकते हैं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी आ सकती हैं। यह दुर्घटनाओं और अनचाही परेशानियों को भी बढ़ावा दे सकता है।
व्यतिपात योग में क्या करें?
व्यतिपात योग में निम्नलिखित कार्य करना शुभ माना जाता है:
* उपवास: इस दिन उपवास रखने से सभी प्रकार के दोष समाप्त होते हैं, विशेषकर निर्जला उपवास।
* जप और हवन: मंत्र जप, विशेष रूप से 'सूर्य मंत्र' और 'गायत्री मंत्र' का जाप करने से अत्यधिक लाभ होता है।
* दान: व्यतिपात योग में किया गया दान सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और इसका फल कई गुना मिलता है।
* श्राद्ध: पुष्य नक्षत्र के साथ व्यतिपात योग में किए गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है।
क्या न करें:
* व्यतिपात योग के दिन तुलसी पत्र तोड़ना वर्जित माना गया है।
* कुछ शुभ कार्यों को इस योग में करने से बचने की सलाह दी जाती है।
व्यतिपात योग जून 2025 में कब है?
जून 2025 में व्यतिपात योग की दो तिथियां हैं:
* 5 जून 2025 को सुबह 9:14 बजे से 6 जून 2025 को सुबह 10:13 बजे तक।
* 30 जून 2025 को शाम 5:21 बजे से 1 जुलाई 2025 को शाम 5:19 बजे तक।
व्यतिपात योग के उपाय
यदि किसी व्यक्ति का जन्म व्यतिपात योग में होता है या इस योग के अशुभ प्रभाव माने जाते हैं, तो ज्योतिषीय शांति पूजा का विधान किया जाता है। इसमें सूर्य, रुद्र और अग्नि की विशेष पूजा और हवन शामिल होता है।
क्या आप व्यतिपात योग के बारे में कुछ और जानना चाहते हैं, या किसी विशेष प्रभाव के बारे में पूछना चाहते हैं?
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