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Showing posts from January, 2022

V pandit

*ખુબજ અગત્યનું*  કર્મકાંડી બ્રાહ્મણો ને મારુતિ ની ઇકો કે અલ્ટો ગાડી ખરીદવી હોગ તો તેના માટે સરળ વ્યવસ્થા કરવમાં આવી છે  કર્મકાંડી બ્રાહ્મણો માટે ઈ શ્રમ કાર્ડ મફત કાઢી આપવાની વ્યવસ્થા પણ કરવામાં આવી છે કર્મકાંડી ,જ્યોતિષી, કથાકાર બ્રાહ્મણ માત્ર અમેરિકા ની કંપની જોડે કરાર કરી ઓનલાઈન વિડિઓ પ્લેટફોર્મ ની મફત વ્યવસ્થા કરવામાં આવી છે. કર્મકાંડી બ્રાહ્મણો માટે સક ખાસ પ્રકારના ઓનલાઇન પ્લેટફોર્મ ની કામગીરી શરૂ થઈ ગઈ છે. કર્મકાંડી જ્યોતિષી, કથાકાર બ્રાહ્મણો ને મદદ કરવા V Pandit ની ઓફીસ અમદાવાદ ખાતે શરૂ થઈ ગઈ છે કર્મકાંડી બ્રાહ્મણો માટે ખાસ પ્રકારના ઓનલાઈન તાલીમ વર્ગ શરૂ કરવાની કામગીરી ચાલુ કરવા ના પ્રયત્ન થઈ રહ્યા છે ગુજરાત ના ૭૦૦૦૦૦ કર્મકાંડી બ્રાહ્મણો એકત્રિત કરવાની કામગીરી 4500 જેટલા V pandit ના કાર્યકર્તા બ્રાહ્મણો કરી રહ્યા છે V pandit ચલાવવા માટે પૈસા દાન માં લેવા ના પડે તે માટે કોમર્શિયલ વ્યવસ્થા પણ ગોઠવાઈ રહી છે દરેક તાલુકા જિલ્લા ક્ષેત્ર શહેર અને ગામ માં હોદ્દેદારો ની નિમણૂક પણ કરવામાં આવી રહી છે.  V pandit  નો અર્થ તમામ બ્રાહ્મણો એ આપણે બ્રાહ્મણ કરી અને  V pandi...

षट् तीला एकादशी व्रत

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धार्मिक मान्यता के अनुसार एक समय नारद मुनि भगवान विष्णु के धाम बैकुण्ठ पहुंचे. वहां उन्होंने भगवान विष्णु से षटतिला एकादशी व्रत के महत्व के बारे में पूछा. नारद जी के आग्रह पर भगवान विष्णु ने बताया कि प्राचीन काल में पृथ्वी पर एक ब्राह्मण की पत्नी रहती थी. उसके पति की मृत्यु हो चुकी थी. वह मेरी अन्नय भक्त थी और श्रद्धा भाव से मेरी पूजा करती थी. एक बार उसने एक महीने तक व्रत रखकर मेरी उपासना की. व्रत के प्रभाव से उसका शरीर तो शुद्ध हो गया परंतु वह कभी ब्राह्मण एवं देवताओं के निमित्त अन्न दान नहीं करती थी, इसलिए मैंने सोचा कि यह स्त्री बैकुण्ठ में रहकर भी अतृप्त रहेगी अत: मैं स्वयं एक दिन उसके पास भिक्षा मांगने गया. जब मैंने उससे भिक्षा की याचना की तब उसने एक मिट्टी का पिण्ड उठाकर मेरे हाथों पर रख दिया. मैं वह पिण्ड लेकर अपने धाम लौट आया. कुछ समय बाद वह देह त्याग कर मेरे लोक में आ गई. यहां उसे एक कुटिया और आम का पेड़ मिला. खाली कुटिया को देखकर वह घबराकर मेरे पास आई और बोली कि, मैं तो धर्मपरायण हूं फिर मुझे खाली कुटिया क्यों मिली? तब मैंने उसे बताया कि यह अन्नदान नहीं करने तथा म...

दक्षिणा कब देनी चाहिए।

दक्षिणा का महत्व ब्राह्मणों की दक्षिणा हवन की पूर्णाहुति करके एक मुहूर्त ( 24 ) मिनट के अन्दर दे देनी चाहिये , अन्यथा मुहूर्त बीतने पर 100  गुना  बढ जाती है , और तीन रात बीतने पर एक हजार , सप्ताह बाद दो हजार ,महीने बाद एक लाख , और  संवत्सर बीतने पर तीन करोड गुना यजमान को देनी होती है । यदि नहीं दे तो उसके बाद उस यजमान का  कर्म निष्फल हो जाता है और उसे ब्रह्मदोष लग जाता है उसके हाथ से किये जाने वाला अनुष्ठान देवता और पितर कभी प्राप्त नहीं करते हैं । इसलिए  ब्राह्मणों की दक्षिणा जितनी जल्दी हो देनी चाहिये । वर्तमान में मोबाइल से मुहूर्त आदि पूछे जाते हैं लेकिन उनकी दक्षिणा नहीं देने के कारण उनमें यजमान को पूर्ण सफलता प्राप्त नहीं हो सकती 👆यह जो कुछ भी कहा है सबका शास्त्रोॆ में प्रमाण है ।👇 मुहूर्ते समतीते तु , भवेच्छतगुणा च सा । त्रिरात्रे तद्दशगुणा , सप्ताहे द्विगुणा मता ।। मासे लक्षगुणा प्रोक्ता ,ब्राह्मणानां च वर्धते । संवत्सर व्यतीते तु , त्रिकोटिगुणा भवेत् ।। कर्म्मं तद्यजमानानां , सर्वञ्च निष्फलं भवेत् । सब्रह्मस्वापहारी च , न कर्मार्होशुचिर्नर: ।। इसलिए च...

सोमतिती_विद्या--लक्ष्मण रेखा....

#सोमतिती_विद्या--लक्ष्मण रेखा.... महर्षि श्रृंगी कहते हैं कि एक वेदमन्त्र है--#सोमंब्रही वृत्तं रत: स्वाहा वेतु सम्भव ब्रहे वाचम प्रवाणम अग्नं ब्रहे रेत: अवस्ति,, यह वेदमंत्र #कोड है उस #सोमना कृतिक यंत्र का,, पृथ्वी और #बृहस्पति के मध्य कहीं अंतरिक्ष में वह केंद्र है जहां यंत्र को स्थित किया जाता है,, वह यंत्र जल,वायु और अग्नि के परमाणुओं को अपने अंदर सोखता है,, कोड को उल्टा कर देने पर एक खास प्रकार से अग्नि और विद्युत के परमाणुओं को वापस बाहर की तरफ धकेलता है,, जब महर्षि #भारद्वाज ऋषिमुनियों के साथ भृमण करते हुए वशिष्ठ आश्रम पहुंचे तो उन्होंने महर्षि वशिष्ठ से पूछा--राजकुमारों की शिक्षा दीक्षा कहाँ तक पहुंची है??महर्षि वशिष्ठ ने कहा कि यह जो ब्रह्मचारी राम है-इसने आग्नेयास्त्र वरुणास्त्र ब्रह्मास्त्र का संधान करना सीख लिया है,, यह #धनुर्वेद में पारंगत हुआ है महर्षि #विश्वामित्र के द्वारा,, यह जो ब्रह्मचारी #लक्ष्मण है यह एक दुर्लभ सोमतिती विद्या सीख रहा है,,उस समय पृथ्वी पर चार गुरुकुलों में वह विद्या सिखाई जाती थी,, महर्षि विश्वामित्र के गुरुकुल में,,महर्षि वशिष्ठ के गुरुकुल में,, म...

dev darshan । panchang। shastri bhavnagar

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“सत्य अपने लिए रखिए, प्रेम दूसरों के लिए रखिए और करुणा सभी के लिए रखिए, यही जीवन का व्याकरण है”                          🙏 सुप्रभात🙏 *जय श्री सिद्धि विनायक* 🙏🏻🌺🌺🌺🙏🏻 *वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।* *निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥* *प्रथम पूज्य श्री गणेश-श्री सिद्धि विनायक जी महाराज- प्रभादेवी-मुम्बई-(महाराष्ट्र)-   प्रातःकाल कांकड़ा आरती दर्शन-* *दिनांक-*  *27-01-2022*  *जय मंगलमूर्ती*  🙏🏻🌺🌺🌺🙏🏻 *जय श्री महाकाल* 🔱🌹🌹🌹🔱 *27-01-2022* *श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का   दिव्य भस्म   आरती श्रृंगार-दर्शन-उज्जैन धाम-(मध्यप्रदेश)*  *ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।* *उर्वारुकमिव* *बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ।।* *हे शिवशंकर नमामि शंकर, शिवशंकर शंभो।* *हे गिरजापति भवानी शंकर, शिवशंकर शंभो।।* 🔱🌹🌹🌹🔱 _*🙏🙏🚩 आज प्रातः काल के श्रृंगार आरती दर्शन श्री सालासर बालाजी के श्री सालासर हनुमान मंदिर सालासर धाम ...

શ્રી કૃષ્ણાશ્રમ વૈદિક પાઠશાળા.પ્રજાસત્તાક દિન ની ઉજવણી કરવામાં આવી.

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श्रीकृष्णाश्रम वैदिक महाविद्यालय । बोलुंदरा। गुजरात 🇮🇳🙏 🔅🔅 🇮🇳 🔅🔅 *राष्ट्र रक्षा समं पुण्यं,* *राष्ट्र रक्षा समं व्रतम्,* *राष्ट्र रक्षा समं यज्ञो,* *दृष्टो नैव च नैव च।।* 🔅🔅🔅🔅🔅🔅  *राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य नही,*  *राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नही,* *राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नही है, नही है।* 🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅      *भेदे गणा: विनश्येयु: भिन्नास्तु* *सुजया: परै: तस्मात्* *संघातयोगेन प्रयतेरन् गणा:* *सदा।।*  गणराज्य मे अगर एकता न हो तो वह नष्ट हो जाता है, क्योंकि एकता न होने पर शत्रु को उसे नष्ट करने मे आसानी होती है|  इसलिए गणराज्य हमेशा एक रहना चाहिये।।            *जय हिन्द* *🚩वन्देमातरम् 🙏*

ब्राह्मण महिमा।

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ब्राह्मण •पृथिव्यां यानी तीर्थानि तानी तीर्थानि सागरे । सागरे  सर्वतीर्थानि पादे विप्रस्य दक्षिणे ।। चैत्रमाहात्मये तीर्थानि दक्षिणे पादे वेदास्तन्मुखमाश्रिताः  । सर्वांगेष्वाश्रिता देवाः पूजितास्ते तदर्चया  ।। अव्यक्त रूपिणो विष्णोः स्वरूपं ब्राह्मणा भुवि । नावमान्या नो विरोधा कदाचिच्छुभमिच्छता ।। •अर्थात पृथ्वी में जितने भी तीर्थ हैं वह सभी समुद्र में मिलते हैं और समुद्र में जितने भी तीर्थ हैं वह सभी ब्राह्मण के दक्षिण पैर में  है । चार वेद उसके मुख में हैं  अंग में सभी देवता आश्रय करके रहते हैं इसवास्ते ब्राह्मण को पूजा करने से सब देवों का पूजा होती है । पृथ्वी में ब्राह्मण जो है विष्णु रूप है इसलिए  जिसको कल्याण की इच्छा हो वह ब्राह्मणों का अपमान तथा द्वेष  नहीं करना चाहिए । •देवाधीनाजगत्सर्वं मन्त्राधीनाश्च देवता: । ते मन्त्रा: ब्राह्मणाधीना:तस्माद् ब्राह्मण देवता । •अर्थात् सारा संसार देवताओं के अधीन है तथा देवता मन्त्रों के अधीन हैं और मन्त्र ब्राह्मण के अधीन हैं इस कारण ब्राह्मण देवता हैं ।    उत्तम ब्राम्हण की महिमा ऊँ जन...

शिवस्य दशावतार ।। shastriji bhavnagar।।

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🙏जय शंकर जी🙏 दोस्तों आज हम आप को भगवान शंकर के दस अवतारों के वारे में बता रहे है  जरूर पढ़ें 📖 शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव के दस प्रमुख अवतार । 1. महाकाल- शिव के दस प्रमुख अवतारों में पहला अवतार महाकाल नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का महाकाल स्वरुप अपने भक्तों को भोग और मोक्ष प्रदान करने वाला परम कल्याणी हैं। इस अवतार की शक्ति माँ महाकाली मानी जाती हैं। 2. तार- शिव के दस प्रमुख अवतारों में दूसरा अवतार तार नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का तार स्वरुप अपने भक्तों को भुक्ति- मुक्ति दोनों फल प्रदान करने वाला हैं। इस अवतार की शक्ति तारादेवी मानी जाती हैं। 3. बाल भुवनेश- शिव के दस प्रमुख अवतारों में तीसरा अवतार बाल भुवनेश नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का बाल भुवनेश स्वरुप अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करने वाला हैं। इस अवतार की शक्ति को बाला भुवनेशी माना जाता हैं। 4.षोडश श्रीविद्येश- शिव के दस प्रमुख अवतारों में चौथा अवतार षोडश श्रीविद्येश नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का षोडश श्रीविद्येश स्वरुप अपने भक्तों को सुख, भोग और मोक्ष प्रदान करने वाला हैं। इस अवतार क...

विश्व विजय सरस्वती कवच स्तोत्र।

*🌹विश्वविजय सरस्वती कवच स्तोत्र🌹* *श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा शिरो मे पातु सर्वत:।*  *श्रीं वाग्देवतायै स्वाहा भालं मे सर्वदाऽवतु।।* *ॐ सरस्वत्यै स्वाहेति श्रोत्रं पातु निरन्तरम् ।*  *ॐ श्रीं ह्रीं भारत्यै स्वाहा नेत्रयुग्मं सदाऽवतु।।* *ऐं ह्रीं वाग्वादिन्यै स्वाहा नासां मे सर्वतोऽवतु।* *ह्रीं विद्याधिष्ठातृदेव्यै स्वाहा ओष्ठं सदाऽवतु।।* *ॐ श्रीं ह्रीं ब्राह्मयै स्वाहेति दन्तपंक्ती: सदाऽवतु।* *ऐमित्येकाक्षरो मन्त्रो मम कण्ठं सदाऽवतु।।* *ॐ श्रीं ह्रीं पातु मे ग्रीवां स्कन्धं मे श्रीं सदाऽवतु।* *श्रीं विद्याधिष्ठातृदेव्यै स्वाहा वक्ष: सदाऽवतु।।* *ॐ ह्रीं विद्यास्वरूपायै स्वाहा मे पातु नाभिकाम्।* *ॐ ह्रीं ह्रीं वाण्यै स्वाहेति मम पृष्ठं सदाऽवतु।।* *ॐ सर्ववर्णात्मिकायै पादयुग्मं सदाऽवतु।* *ॐ रागाधिष्ठातृदेव्यै सर्वाङ्गं मे सदाऽवतु।।* *ॐ सर्वकण्ठवासिन्यै स्वाहा प्राच्यां सदाऽवतु।* *ॐ ह्रीं जिह्वाग्रवासिन्यै स्वाहाग्रिदिशि रक्षतु।।* *ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै बुधजनन्यै स्वाहा।* *सततं मन्त्रराजोऽयं दक्षिणे मां सदाऽवतु।।* *ॐ ह्रीं श्रीं त्र्यक्षरो मन्त्रो नैऋत्यां मे सदाऽवत...

જન્મ દિવસ ની શુભકામના શાસ્ત્રી શ્રી ઋષિભાઈ ગુરુજી સિદ્ધપુર.

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गुजरात के ख्यात नाम विद्वान पंडित ।। पूज्य गुरु वर्य श्री ऋषि भाई गुरुजी को जन्म दिन की हार्दिक  शुभकामनाएं। गुरुजी आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं।। ईश्वर आपको निरोगी आयुष्य प्रदान करे।। मेरी श्री चरणों मे प्रार्थना ।।। जन्म दिन शुभेच्छक ।। कर्मकांड चेरिटेबल ट्रस्ट गुजरात।।  एवम कर्मकांड चेरिटेबल ट्रस्ट भावनगर जिला प्रमुख श्री मयूर जानी एवम भावनगर तहसील के सभी विप्र गण की और से पंडित जी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं।।