Posts

Showing posts from September, 2019

पद्मा / परिवर्तिनी एकादशी

🕉 *नमो नारायण* 🍃 🙏🏻 *जय भगवान* 🙏🏻 9-9-2019 सोमवार पद्मा / परीवर्तीनी एकादशी युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवान! भाद्रपद शुक्ल एकादशी का क्या नाम है? इसकी विधि तथा इसका माहात्म्य कृपा करके कहिए। तब भगवानश्रीकृष्णष कहने लगे कि इस पुण्य, स्वर्ग और मोक्ष को देने वाली तथा सब पापों का नाश करने वाली, उत्तम वामन एकादशी का माहात्म्य मैं तुमसे कहता हूं तुम ध्यानपूर्वक सुनो। यह पद्मा/परिवर्तिनी एकादशी जयंती एकादशी भी कहलाती है। इसका यज्ञ करने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। पापियों के पाप नाश करने के लिए इससे बढ़कर कोई उपाय नहीं। जो मनुष्य इस एकादशी के दिन मेरी (वामन रूप की) पूजा करता है, उससे तीनों लोक पूज्य होते हैं। अत: मोक्ष की इच्छा करने वाले मनुष्य इस व्रत को अवश्य करें। जो कमलनयन भगवान का कमल से पूजन करते हैं, वे अवश्य भगवान के समीप जाते हैं। जिसने भाद्रपद शुक्ल एकादशी को व्रत और पूजन किया, उसने ब्रह्मा, विष्णु सहित तीनों लोकों का पूजन किया। अत: हरिवासर अर्थात एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। इस दिन भगवान करवट लेते हैं, इसलिए इसको परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं। भगवान के...

Bhaktamar stotram jain sampraday ka mahtv he

भक्तामर स्तोत्र ◆●◆●◆●◆●◆ भक्तामर स्तोत्र का जैन धर्म में बडा महत्व है। आचार्य मानतुंग का लिखा भक्तामर स्तोत्र सभी जैन परंपराओं में सबसे लोकप्रिय संस्कृत प्रार्थना है। भक्तामर स्तोत्र में ऋषभनाथ की चित्रण【चित्र देखे】 इस स्तोत्र के बारे में कई किंवदंतियाँ हैं। इसमें सबसे प्रसिद्ध किदवंती यह है कि आचार्य मानतुंग को जब राजा भोज ने जेल में बंद करवा दिया था। और उस जेल के 48 दरवाजे थे जिन पर 48 मजबूत ताले लगे हुए थे। तब आचार्य मानतुंग ने भक्तामर स्तोत्र की रचना की तथा हर श्लोक की रचना ताला टूटता गया। इस तरह 48 शलोको पर 48 ताले टूट गए। मानतुंग आचार्य 7वी शताब्दी में राजा भोज के काल में हुए है। मंत्र शक्ति में आस्था रखने वालो के लिए यह एक दिव्य स्तोत्र है। इसका नियमित पाठ करने से मन में शांति का अनुभव होता है व सुख समृद्धि व वैभव की प्राप्ति होती है। यह माना जाता है कि इस स्तोत्र में भक्ति भाव की इतनी सर्वोच्चता है कि यदि आपने सच्चे मन से इसका पाठ किया तो आपको साक्षात ईश्वर की अनुभति होती है। *श्री भक्तामर स्त्रोत* ◆●◆●◆●◆●◆●◆ भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा- मुद्योतकं दलित-पाप...

એકાદશી વ્રત કરવાથી મળતું પુણ્ય .shashtri ji bhavangar

🍉🍍🍉🍍ઍકાદશી વ઼ત થી મળતુ પુણ્ય🍎🍌                            (૧)શ્રી મહાપ્રભુજી કહે છે કે  કરોડ યજ્ઞ બરોબર ૧ ઍકાદશી કરવાથી કરોડ યજ્ઞનુ ફળ મળે છે.                      (૨) કરોડ ગાયોનુ દાન બરોબર ૧ ઍકાદશી કરવાથી કરોડ ગાયોના દાન જેટલુ ફળ મળે છે.        (૩)  ૧ ભાર સોનુ રોજ દાન કરવા બરાબર ૧  ઍકાદશી કરવાથી તેના જેટલુ ફળ મળે છે.            (૪)  કોટી કલ્પ સુઘી ચાદૃાયણ વ઼ત જેટલુ ૧ ઍકાદશી કરવાથી ફળ મળે છે.                       (૫) ભારતના બધાં તીથૅ કર્યા બરાબર  ૧ ઍકાદશી કરવાથી ફળ મળે છે.     (૬) ૧ લાખ ઉપવાસ કરો કે ૧ ઍકાદશી કરવાથી            તેના જેટલુ ફળ મળે છે.       (૭) ઍક્યાસી હજાર ઋષીને જમાડવા જેટલુ ફળ ૧ ઍકાદશી કરવાથી મળે છે (૮)   કરોડ વાર ગંગામા સ્નાન કરવ...

ગુરુ સાધના સે લક્ષ્મી પ્રાપ્તિ

Every thing is possible in the world Thursday, 29 January 2015         गुरु साधना से लक्ष्मी प्राप्ति “अच्युताय नमस्तुभ्यं गुरवे परमात्मने |सर्वतंत्रस्वतंत्र   या चिद्घनानंदमूर्तये ||”‘ॐ त्वमा वह वहे वद वे गुरोर्चन धरै सह प्रियन्हर्षेतु’ हे अविनाशी परमात्मा स्वतंत्र चैतन्य और आनंद मूर्ति स्वरुप गुरुदेव ! आपको नमस्कार है | हे गुरुदेव ! आप सर्वज्ञ हैं , हम ईश्वर को नहीं पहचानते, न हि उन्हें कभी देखा है, और आपके द्वारा हि उस प्रभु या ईष्ट के दर्शन सहज और संभव है, मै अपना समर्पित कर आपका अर्चन पूजन कर पूर्णता प्राप्त करने का आकांक्षी हूँ |      भाइयो बहनों !                   इस श्लोक का भावार्थ आप समझ हि गए हैं यानि गुरु हि वह व्यक्तित्व है जो अज्ञान के अंधकार से शिष्य को पार ले जाकर जीवन में ज्ञान का प्रकाश देता है | गुरु हि हैं जो जीवन की बाधाओं के शिष्य को सचेत भी करते हैं औरुनसे निकलने का मार्ग भी प्रसस्त करते हैं |  प्रिय स्नेही स्वजन ! आगामी वर्ष कि ढेरो शुभ कामनाओं क...