।। पूजा के पांच प्राकार जानिए ।। पंडितजी।।
*पुजा के पॉंच प्रकार* शास्त्रों में पुजा के पॉंच प्रकार बताये गये हैं -- १ *अभिगमन* २ *उपादान* ३ *योग* ४ *स्वाध्याय* और *इज्या* देवता के स्थान को साफ करना ,लिपना , निर्माल्य हटना --ये सब कर्म *अभिगमन* के अंतर्गत मे आते है ! गंध ,पुष्प आदि पुजा --सामग्री का संग्रह *उपादान* है ! इष्टदेव की आत्मारुप से भावना करना इसे *योग* कहते हैं ! मंत्रार्थ का अनुसंधान करते हुये जप करना , सुक्त ,स्तोत्र आदि का पाठ करना ,गुण ,नाम ,लीला आदि का किर्तन करना ,वेदान्तशास्त्र आदि का अभ्यास करना --ये सब *स्वाध्याय* है ! उपचारों के व्दारा अपने आराध्यदेव की पुजा *इज्या* है !ये पॉंच प्रकार की पुजाएँ क्रमश: *सार्ष्टि ,सामीप्य ,सालोक्य सायुज्य और सारूप्य मुक्ती देने वाली है लेखक. ब्रिजेश भ्राता व्यास अहमदाबाद।।