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Showing posts from October, 2019

Ishvar Krupa

*बह्ममहूर्त* अगर आप परमात्मा से प्रेम करते हो या जब परमात्मा खुद आपसे संपर्क करना चाहते है 3 से 5 के मध्य खुलती है नींद तो यह दिव्य शक्ति का कोई संकेत है जाने..... ? करोड़ों लोग ईश्वर से प्यार करते है पर बहुत खुशनसीब होते है वो जिनसे ईश्वर खुद प्यार करते है। सबसे पहले हम यह जाने जिस समय नींद खुल रही है वह अमृतवेला है। अमृतवेला जो कि परमात्मा की दिव्य शक्तियां बहुत ही तेजी से प्रवाह कर रही होती है। इस आसमान में, सृष्टि में पॉजिटिव वाइब्रेशन(positive vibration) बहुत तेजी से उस समय प्रवाहित होती रहती है उस समय आप जाप करते और भगवान का ध्यान करते है तो उनकी कृपा आपको बहुत ही आसानी से मिल जाती है। ३:00 बजे आंखें खुलने का यह मतलब हुआ सृष्टि चाहती हैं , आपके गुरु चाहते हैं आपके इष्ट चाहते हैं दिव्यशक्ति चाहती हैं कि आप उठे आप परमात्मा का स्मरण करें आप परमात्मा का जाप करें क्योंकि बहुत सारी शक्तियां आपके इंतजार कर रही है जो कि आपको मिलनी है। यह शक्तियां पॉजिटिव वाइब्रेशन से भरी हुई जो आप को तंदुरुस्त कर देंगे धन धान्य से परिपूर्ण कर देंगे भक्ति से भर देंगी यदि आप सुबह उठते हैं पा...

शरद पूनम विशेष

शरद पूर्णिमा पर क्या करें और क्या नहीं, इस रात खीर बनाने एवं पाने की भी है प्रमुख विधि!!!!!!  दशहरे से शरद पूर्णिमा तक चन्द्रमा की चांदनी में विशेष हितकारी किरणें होती हैं। इनमें विशेष रस होते हैं। इन दिनों में चन्द्रमा की चांदनी का लाभ लेने से वर्षभर मानसिक और शारीरिक रूप से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। प्रसन्नता और सकारात्मकता भी बनी रहती है। इस बार शरद पूर्णिमा 13 अक्टूबर रविवार को मनाई जाएगी। इस रात कुछ खास बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। जिससे खीर को दिव्य औषधि बनाया जा सकता है और इस खीर विशेष तरह से खाने पर इसका फायदा भी मिलेगा। शरद पूर्णिमा पर अश्विनी कुमारों के साथ यानी अश्विनी नक्षत्र में चंद्रमा पूर्ण 16 कलाओं से युक्त होता है। चंद्रमा की ऐसी स्थिति साल में 1 बार ही बनती है। वहीं ग्रंथों के अनुसार अश्विनी कुमार देवताओं के वैद्य हैं। इस रात चंद्रमा के साथ अश्विनी कुमारों को भी खीर का भोग लगाना चाहिए। चन्द्रमा की चांदनी में खीर रखना चाहिए और अश्विनी कुमारों से प्रार्थना करना चाहिए कि हमारी इन्द्रियों का बल-ओज बढ़ाएं।जो भी इन्द्रियां शिथिल हो गयी हों, उनको पुष्ट करें। ऐसी प्रा...

पापा कुंशा एकादशी व्रत

🙏💐 Jay Shri Krishna 💐🙏 🍃🌹🍃🌹🍃🌹🍃🌹🍃🌹🍃 *9 अक्तूबर को एकादशी, पापों से मुक्त करती है पापाकुंशा एकादशी का व्रत* ( टेटी ) *पापाकुंशा एकादशी व्रत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन किया जाता है।     एकादशी तिथि का व्रत जीवों के परम लक्ष्य, भगवद भक्ति, को प्राप्त करने में सहायक होता है। यह दिन श्री हरि की पूर्ण श्रद्धा से सेवा करने के लिए अति शुभकारी एवं फलदायक माना गया है। इस दिन मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिये भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरुप की पूजा की जाती है। वैसे तो प्रत्येक एकादशी का अपना ही अलग महत्व है लेकिन पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति का सभी जाने -अनजाने में किए गए पापों का प्रायश्चित होता है। इस व्रत को करने से मन और आत्मा दोनों शुद्ध होते हैं।* *पापाकुंशा एकादशी एक हजार अश्वमेघ और सौ सूर्ययज्ञ करने के समान फल प्रदान करने वाली होती है। इस एकादशी व्रत के समान अन्य कोई व्रत नहीं है। इसके अतिरिक्त जो व्यक्ति इस एकादशी की रात्रि में जागरण करता है वह स्वर्ग का अधिकारी बनता है। इस एकादशी के दिन दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ...